रिलायंस पावर के शेयर 10 जून को BSE पर 10.26% चढ़कर 71.17 रुपये पर पहुंचे, जो जनवरी 2015 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। मई 2025 में शेयर 45.5% बढ़े, और पिछले एक हफ्ते में 20% की तेजी आई।
कंपनी ने 350 MW सौर प्रोजेक्ट और 175 MW/700 MWh बैटरी स्टोरेज सिस्टम के लिए SJVN से ऑर्डर हासिल किया। इसके अलावा, 2024 में 5,338 करोड़ रुपये के कर्ज चुकाने से कंपनी की वित्तीय सेहत सुधरी। ये कारक निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। सौर और बैटरी स्टोरेज में बढ़ती हिस्सेदारी ने इसे भारत का सबसे बड़ा एकीकृत सौर + BESS खिलाड़ी बनाया। मई में 1,525 करोड़ रुपये के इक्विटी-लिंक्ड वारंट्स से बैलेंस शीट मजबूत हुई। Q4 FY25 में 126 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, जबकि पिछले साल 397.56 करोड़ का घाटा था। कर्ज-से-इक्विटी अनुपात 1.61 से घटकर 0.88 हो

सौर ऊर्जा बना नई ताकत
रिलायंस पावर ने सौर ऊर्जा में बड़ा दांव लगाया है। मई 2025 में इसकी सहायक कंपनी रिलायंस NU एनर्जी ने SJVN से 350 MW सौर प्रोजेक्ट और 175 MW/700 MWh बैटरी स्टोरेज का ऑर्डर जीता। भूटान के ड्रक होल्डिंग्स के साथ 2,000 करोड़ रुपये का सौर प्रोजेक्ट भी शुरू हुआ। कंपनी का ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो अब 2.4 GW सौर और 2.5 GWh BESS तक पहुंच गया। ये प्रोजेक्ट्स 25 साल के लिए 3.33 रुपये/kWh की टैरिफ पर हैं, जो स्थिर आय का भरोसा देते हैं।
कर्ज से राहत
रिलायंस पावर ने FY25 में 5,338 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया, जिसमें सasan पावर ने 1,285 करोड़ रुपये का पुनर्भुगतान शामिल है। इससे कर्ज-से-इक्विटी अनुपात 0.88 तक सुधरा। कंपनी ने 1,525 करोड़ रुपये के वारंट्स जारी किए, जिससे वित्तीय स्थिरता बढ़ी। Q4 FY25 में 1,978 करोड़ रुपये की आय और 589.8 करोड़ रुपये का EBITDA (1,109% बढ़त) दर्ज हुआ। ये सुधार कंपनी को निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहे हैं, लेकिन मार्केट की अस्थिरता चुनौती बनी हुई है।