एशियन पेंट्स पर CCI की बड़ी कार्रवाई, डीलरों पर दबाव डालने के आरोप, क्या ग्रासिम की शिकायत से हिलेगा 50% बाजार का बादशाह?

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ग्रासिम की शिकायत पर एशियन पेंट्स के खिलाफ जांच शुरू की है। आरोप है कि डीलरों पर दबाव डालकर मार्केट में नए ब्रांड्स को रोकने की कोशिश की गई। जानिए कैसे इस जांच से भारतीय पेंट इंडस्ट्री में बदल सकता है प्रतिस्पर्धा का संतुलन।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एशियन पेंट्स पर बाजार में दबदबे के कथित दुरुपयोग के लिए जांच शुरू की है। ग्रासिम इंडस्ट्रीज की बिरला ओपस पेंट्स ने शिकायत की कि एशियन पेंट्स डीलरों पर दबाव डालकर उनकी मार्केट एंट्री रोक रहा है। यह जांच 1 जुलाई 2025 को शुरू हुई। भारतीय पेंट इंडस्ट्री में यह मामला चर्चा में है।

एशियन पेंट्स, जिसका डेकोरेटिव पेंट्स मार्केट में 50% से ज्यादा हिस्सा है, पर आरोप है कि उसने डीलरों को बिरला ओपस प्रोडक्ट्स स्टॉक करने से रोका। ग्रासिम का दावा है कि डीलरों को कम क्रेडिट, सख्त टारगेट, और प्रोत्साहन वापसी की धमकी दी गई। CCI ने प्रारंभिक जांच में पाया कि यह प्रतिस्पर्धा के खिलाफ हो सकता है। 90 दिनों में डायरेक्टर जनरल की रिपोर्ट आएगी। यह मामला भारतीय पेंट मार्केट में नई प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकता है।

डीलरों पर दबाव और प्रतिस्पर्धा में रुकावट

एशियन पेंट्स पर आरोप है कि उसने डीलरों को बिरला ओपस के साथ काम करने से रोकने के लिए अनुचित शर्तें लगाईं। ग्रासिम ने दावा किया कि डीलरों को विदेश यात्रा जैसे प्रोत्साहन और डिस्काउंट दिए गए, ताकि वे केवल एशियन पेंट्स के प्रोडक्ट्स बेचें। उदाहरण के लिए, डीलरों को बिरला ओपस की टिंटिंग मशीनें लौटाने को कहा गया। CCI ने इसे प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 के तहत अनुचित माना। यह व्यवहार नए खिलाड़ियों के लिए मार्केट में प्रवेश को मुश्किल बना सकता है। एशियन पेंट्स ने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेगा।

बाजार में दबदबे का प्रभाव और जांच का भविष्य

एशियन पेंट्स का 74,000 से ज्यादा डीलरों का नेटवर्क और 53% उत्पादन क्षमता इसे भारतीय पेंट मार्केट में दिग्गज बनाती है। ग्रासिम ने आरोप लगाया कि एशियन पेंट्स ने सप्लायर्स, ट्रांसपोर्टर्स, और वेयरहाउस मालिकों को भी उनके साथ काम करने से रोका। CCI ने इसे इनपुट फोरक्लोजर और मार्केट एक्सेस में रुकावट माना। उदाहरण के लिए, ग्रासिम को कच्चे माल की आपूर्ति में दिक्कत हुई। यह जांच 90 दिनों में पूरी होगी, जो पेंट इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ता विकल्पों पर असर डाल सकती है।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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