बैंकिंग सेक्टर में बड़ा परिवर्तन, खाताधारक जरूर जान लें ये 7 नए नियम, पढ़े पूरी खबर

एटीएम समेत कई बैंकिंग नियम लागू होने वाले हैं। जिसकी जानकारी ग्राहकों को होनी चाहिए। ताकि वे इस हिसाब से अपनी वित्तीय योजना बना सकते हैं। आइए एक नजर इन रूल्स पर डालें?

Banking New Rules: बैंकिंग सेक्टर में कई बदलाव हुए हैं। इस लिस्ट में बैंकों की वेबसाइट, एटीएम शुल्क और अन्य कई नियम शामिल हैं, जो जल्द ही देशभर में लागू होंगे। इन नियमों की घोषणा रिजर्व बैंक इफ इंडिया और आरबीआई ने कर दी है। तारीख का ऐलान भी हो चुका है। इसकी जानकारी सभी खाताधारकों कॉ होनी चाहिए।

रेपो रेट में कटौती हुई है। जिसका असर एफडी, लोन और जमा बचत खातों पर देखने को मिला है। कई बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग्स अकाउंट से जुड़े ब्याज दरों में बदलाव किया है। यह सिलसिला अभी भी जारी है। वहीं लोन के इंटरेस्ट रेट भी संशोधन हुआ है। एसबीआई, बीओआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, एफडीएफसी बैंक समेत कई प्राइवेट, सरकारी और स्मॉल फाइनेंस बैंक इस सूची में शामिल है। यदि आप भी एफडी, लोन और सेविंग्स अकाउंट किसी भी सेवा का लाभ उठाते हैं तो संबंधित बैंकों के नए इंटरेस्ट रेट जरूर जान लें।

कई बैंकों का होगा विलय 

1 मई से एक राज्य-एक आरआरबी लागू होने जा रहा है। इसके तहत 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय बैंकों का मर्जर होगा। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 हो जाएगी। मध्यप्रदेश में भी दो बैंकों का विलय होने जा रहा है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

एटीएम से जुड़ा नया नियम 

आरबीआई ने एटीएम इंटरचेंज फीस में वृद्धि की अनुमति दे दी है। नया नियम 1 मई से लागू होंगे। यदि कोई यूजर होम नेटवर्क के बाहर किसी मशीन से ट्रांजैक्शन करता है या बैलेंस की जांच करता है, तो उसे शुल्क का भुगतान करना होगा।

बैंकों की वेबसाइट में होगा ये बदलाव

भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों के लिए डिजिटल संचालन को Bank.in डोमेन में बदलने का निर्देश जारी किया है। यह काम पूरा करने के लिए बैंकों को 31 अक्टूबर 2025 तक का समय दिया गया है। यह कदम ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं को सुरक्षित बनाने के लिए उठाया गया है।

नाबालिगों के लिए खाते के नियम बदले

आरबीआई ने नाबालिगों के लिए सेविंग्स अकाउंट से जुड़े नियम बदल दिए हैं। 10 वर्ष या इससे अधिक आयुवर्ग के नाबालिगों को अपना खाता खोलने और संचालन की अनुमति दे दी है। बैंक इससे संबंधित अलग-अलग पॉलिसी बना सकते हैं।


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Manisha Kumari Pandey

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