धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए अब तक सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ द्वारा कई बड़े कदम उठाए जा चुके हैं। पिछले महीने बैंकों को वेबसाइट एड्रेस बदलने का निर्देश जारी किया था। अब बैंकिंग सेक्टर में एक नया बदलाव होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब हर बैंक को एक यूनीक नेशनल कॉलिंग नंबर मिल सकता है। बैंकों ने यह माँग रखी है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया और आरबीआई ने बातचीत भी की है।
नए बैंकिंग नंबर इनबाउन्ड कॉलिंग सुविधा के साथ आएंगे। मतलब ग्राहकों बैंकों को रिटर्न कॉल कर पाएगा। हालांकि इस संबंध में आरबीआई ने अब तक कोई भी फैसला अब नहीं लिया है। बैंकिंग सेक्टर दिशानिर्देश के इंतजार में है। यदि यह नियम (Banking Rule) लागू होता है तो इससे ग्राहकों को भी लाभ होगा। बैंकों के उनका विश्वास बढ़ेगा। बैंकिंग सेक्टर में सुरक्षा और ट्रांसपैरेंसी बढ़ेगी

क्यों की बैंकों ने ये माँग?
वर्तमान में बैंक 1600xx सीरीज के तहत कई नंबरों का इस्तेमाल करते है। इनमें इनबाउंड कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होती। जिसके कारण कस्टमर्स बैंक के कॉल को पहचान नहीं पाते। इसे फ्रॉड के मामले भी बढ़ते हैं। इसलिए बैंको ने एक यूनिक कॉलिंग नम्बर की मांग की। ताकि ग्राहकों यह समझ में आसानी हो सके की कॉल बैंक की ओर से आ रहा है। इसके अलावा बैंको ने डेटा सर्विसिंग कॉल्स को एक भी 1600 सीरीज से मुक्त रखने की सिफारिश भी की है। उनका कहना है कि रिकवरी ऑपरेशन के लिए थर्ड पार्टी एजेंसियों को आउटसोर्स किया जाता है। एजेंसियां इन सीरीज के नंबर का इस्तेमाल करेंगी या नहीं, इसपर कोई भी स्पष्ट गाइडलाइंस नहीं है। इसलिए आरबीआई और टीआईएआई से सही मार्गदर्शन भी माँग की गयो है।
जनवरी में जारी हुए कॉलिंग नंबर से जुड़े निर्देश
जनवरी 2025 में आरबीआई ने लेनदेन से जुड़े कॉल के लिए 1600xx सीरीज वाले नंबर का इस्तेमाल करने का निर्देश सभी बैंको को दिया था। वही प्रमोशनल कॉल के लिए 1400xx सीरीज नंबर तय किए गए थे। लेकिन बैंको का कहना है कि सिर्फ एक सीरीज पर्याप्त नहीं है। इन नंबरों से सिर्फ आउटगोइन कॉलिंग की अनुमति होती है। लेकिन ग्राहक संपर्क नहीं कर पाते।