KYC Process: केवाईसी के प्रोसेस में बड़ा बदलाव किया गया है। जिसकी घोषणा केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की पेशकश के दौरान की है। अब नए तरीके से ग्राहक केवाईसी करवा पाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक बहुत जल्द रिस्क बेस्ड केवाईसी (Risk Based KYC) की प्रक्रिया शुरू होगी। यह कदम सरकार डिजिटल इंडिया के प्रोत्साहन के लिए उठाने जा रही, साथ ही इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए केवाईसी प्रणाली में विकास हो सकता है।
केवाईसी प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सरकार DigiLocker प्लेटफॉर्म को बढ़ाने की तैयारी में लगी है। डीजीलॉकर का इस्तेमाल केवाईसी जरूरतों के वन-स्टॉप सोल्यूसन की तरह काम करेगा। वहीं पैन कार्ड का इस्तेमाल भी इस सिस्टम में किया जाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर हर व्यक्ति का अपना सिस्टम होगा, जिसमें केवाईसी और अन्य कागजात उपलब्ध होंगे। इससे पता और पहचान की सुविधा एक ही स्टॉप पर मिलेगी। यह भी कहा जा रहा है कि फोन में पहले से डीजीलॉकर इंस्टॉल मिलेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार आरबीआई एक्ट, बैंकिंग कम्पनीज एक्ट और आईएफ़एससी एक्ट में भी बदलाव करने की तैयारी कर रही है। IFSC में खुले बैंकों का विदेशी बैंक अधिग्रहण करना संभव होगा।
बता दें कि डिजीलॉकर भारत सरकार की प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। जिसे डिजिटल इंडिया के तहत शुरू किया गया था। इसके जरिए नागरिक आसानी से क्लाउड सर्विस के जरिए अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं। इससे एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी दस्तावेज मिल जाते हैं और हमेशा दस्तावेजों को लेकर घूमने की जरूरत भी नहीं पड़ती।