भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), पर नियामक नियमों के उल्लंघन के चलते कड़ी कार्रवाई की है। दरअसल यह कार्रवाई बैंक द्वारा पेनल्टी लोन सिस्टम, साइबर सुरक्षा ढांचे, और केवाईसी (Know Your Customer) नियमों का उल्लंघन करने पर की गई है। जानकारी के अनुसार इसके तहत, RBI ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर ₹1,27,20,000 का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत आरबीआई के अधिकारों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खिलाफ कार्रवाई के मुख्य कारण
पेनल्टी लोन सिस्टम में अनियमितता: दरअसल बैंक द्वारा कुछ उधारकर्ताओं के मामलों में वर्किंग कैपिटल लिमिट (कार्यशील पूंजी सीमा) के तहत स्वीकृत धनराशि को न्यूनतम बकाया ऋण के तय प्रतिशत के बराबर सुनिश्चित नहीं किया गया। इसका मतलब यह है कि बैंक ने अपने ग्राहकों की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिए गए ऋणों में नियमों का पालन नहीं किया।
साइबर सुरक्षा प्रणाली में कमजोरियां: इसके साथ ही बैंक की सूचना प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा प्रणाली में भी गंभीर खामियां पाई गईं है। दरअसल बैंक धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने में असफल रहा है, जिससे उसके ग्राहकों की सुरक्षा पर संभावित खतरा मंडरा सकता था।
केवाईसी नियमों का उल्लंघन: बैंक ने ग्राहकों को यूनिक कस्टमर आईडेंटिफिकेशन कोड (UCIC) जारी करने में नियमों का सही से पालन नहीं किया। इसके बजाय, बैंक ने एक ही ग्राहक के लिए कई आईडी कोड जारी किए, जिससे ग्राहक की पहचान और उसकी निगरानी में दिक्कतें आ सकती थीं। केवाईसी नियमों का यह उल्लंघन बैंक के लिए एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि यह ग्राहक की पहचान, मनी लॉन्ड्रिंग, और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने में अहम भूमिका निभाता है।
दरअसल आरबीआई ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र की वित्तीय स्थिति का निरीक्षण किया, जिसमें 31 मार्च 2023 तक के आंकड़ों की जांच की गई। इसके साथ ही, मई 2023 तक बैंक की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों का परीक्षण भी किया गया। इन जांचों के दौरान, बैंक के कई नियमों के उल्लंघन का पता चला, जिसके बाद आरबीआई ने बैंक को नोटिस जारी किया। इस नोटिस में बैंक से पूछा गया कि नियमों के उल्लंघन के कारण उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए।