15 साल की उम्र में चीनू काला ने सिर्फ 300 रुपये और कुछ कपड़ों के साथ घर छोड़ दिया। मुंबई के रेलवे स्टेशन पर रात बिताने वाली इस लड़की ने हार नहीं मानी। आज वो रुबांस एक्सेसरीज की फाउंडर हैं, जिसकी मार्केट वैल्यू 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है। 2014 में शुरू हुआ उनका ये ब्रांड आर्टिफिशियल ज्वेलरी में नया ट्रेंड सेट कर रहा है। उनकी कहानी मेहनत, हिम्मत और सपनों को सच करने की ताकत की मिसाल है।
चीनू की जिंदगी आसान नहीं थी। पारिवारिक विवादों के चलते उन्होंने छोटी उम्र में ही मुंबई की सड़कों पर कदम रखा। शुरुआत में उन्होंने घर-घर जाकर कोस्टर और चाकू बेचे, जिससे रोज 20 रुपये कमाई होती थी। इसके बाद वो वेट्रेस, रिसेप्शनिस्ट और टेलीमार्केटिंग जैसे कामों में जुटीं। 2004 में उनकी शादी अमित काला से हुई, जिनके सपोर्ट ने उन्हें बिजनेस की दुनिया में कदम रखने का हौसला दिया। 2014 में, सिर्फ 3 लाख रुपये की बचत से, उन्होंने बेंगलुरु के फीनिक्स मॉल में 36 वर्ग फुट की छोटी सी दुकान से रुबांस की शुरुआत की।

सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
रुबांस शुरू करना आसान नहीं था। मॉल में जगह लेने के लिए चीनू को महीनों इंतजार करना पड़ा। उनके पास डिपॉजिट के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने मॉल मैनेजमेंट को अपनी डिजाइन्स पर भरोसा जताने के लिए मना लिया। दुकान खुलते ही पहले 15 दिन में 15 लाख की बिक्री हुई, जिसने उनकी मेहनत को साबित किया। रुबांस ने कुंदन, पोल्की और टेंपल ज्वेलरी जैसे ट्रेडिशनल डिजाइन्स को मॉडर्न टच दिया, जो ग्राहकों को खूब पसंद आया। 2016-17 में 56 लाख की कमाई से शुरू होकर, 2022 तक ब्रांड का टर्नओवर 35 करोड़ तक पहुंच गया।
ऑनलाइन बिजनेस और भविष्य की योजना
2020 में कोविड महामारी ने रुबांस को ऑनलाइन जाने के लिए मजबूर किया, और ये फैसला गेम-चेंजर साबित हुआ। चीनू ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने डिजाइन्स को पेश किया, जिससे बिक्री में जबरदस्त उछाल आया। आज रुबांस की वेबसाइट 24 घंटे में डिलीवरी देती है और देशभर में 5 स्टोर्स हैं। उनकी टीम में जयपुर, राजकोट और कोलकाता के कारीगर शामिल हैं, जो हस्तनिर्मित ज्वेलरी बनाते हैं। चीनू का लक्ष्य 2024 तक 140 करोड़ का टर्नओवर हासिल करना है। वो लग्जरी ज्वेलरी सेगमेंट में भी कदम रख रही हैं, जिसमें भारतीय शादियों के लिए खास डिजाइन्स होंगे।