क्रेडिट कार्ड यूजर्स ध्यान दें, इन 5 तरीकों से साइबर अपराधी लगा सकते हैं चूना, भूलकर भी न करें ये गलतियाँ, ऐसे करें बचाव  

स्कैमर्स अलग-अलग तरीके से क्रेडिट कार्ड यूजर्स को ठगी का शिकार बना सकते हैं। धोखाधड़ी वाले लेनदेन को भी अंजाम दे सकते हैं। आइए जानें बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें?

Manisha Kumari Pandey
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साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं। ऐसे में खुद ही सतर्क रहना जरूरी होता है। क्रेडिट कार्ड यूजर्स (Credit Card) के धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं।

अलग-अलग तरीके से स्कैमर्स लोगों के साथ धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। इससे क्रेडिट कार्ड उपभोक्ताओं को वित्त नुकसान का सामना करना पड़ता है। फ्रॉड के अलग-अलग तरीकों की जानकारी क्रेडिट कार्ड यूजर्स को होनी चाहिए। ताकि वह भविष्य में ऐसे फ्रॉड से खुद को बचा सकें।

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इन तरीकों से हो सकता है फ्रॉड

  • साइबर ठग  क्रेडिट कार्ड यूजर्स को फिशिंग और विशिंग के जरिए धोखाधड़ी का शिकार बना सकते हैं। फेक ईमेल, एसएमएस, व्हाट्सएप मैसेज, कॉलिंग इत्यादि के जरिए ठग क्रेडिट कार्ड जानकारी की मांग करते हैं। इसका गलत इस्तेमाल करके स्कैन को अंजाम दे सकते हैं।
  • आपको उपभोक्ताओं को री-केवाईसी कंप्लीमेंट्री मेंबरशिप, क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ने, रिवार्ड प्वाइंट एक्सपायर होने और क्रेडिट कार्ड एक्सपायर होने के नाम पर धोखाधड़ी के कई मामले देखे गए हैं।
  • सिम स्वैप के जरिए साइबर ठग आपका भी नुकसान करवा सकते हैं। इसमें व्यक्ति का मोबाइल सॉफ्टवेयर या मेल वेयर के जरिए हैक कर लिया जाता है। जिससे स्कैमर तक पर्सनल डाटा पहुंच जाता है। इसका गलत इस्तेमाल करके ठग आपके बैंक अकाउंट पर अटैक कर सकते हैं।
  • केवाईसी दस्तावेज के जरिए भी स्कैन के मामले देखे गए हैं। आधार, पैन कार्ड इत्यादि की जानकारी प्राप्त करके स्कैमर्स नया क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर सकते हैं और इसका इस्तेमाल धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन के लिए किया जा सकता है।
  • साइबर अपराधी क्रेडिट कार्ड की जानकारी प्राप्त करने के लिए अलग-अलग डिवाइस का सहारा भी ले सकते हैं। इसमें एटीएम मशीन या पीओएस भी शामिल है। इस जानकारी का इस्तेमाल डुप्लीकेट क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

बचाव के लिए क्या करें?

  • बैंक कभी भी अपने ग्राहकों को गंभीर या गोपनीय जानकारी साझा करने की मांग नहीं करता। यदि कोई भी क्रेडिट कार्ड या एटीएम कार्ड से जुड़ी जानकारी कॉल, एसएमएस, ईमेल इत्यादि के जरिए तो इसे नजरअंदाज करें। डिलीट कर सकते हैं। इसकी शिकायत नजदीकी साइबर क्राइम ब्रांच या नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर कर सकते हैं।
  • अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम या पीओएस मशीन में करते समय सावधानी बरतना जरूरी होता है। पिन दर्ज करते समय ध्यान रखें की इसे कोई ना देखें।
  • नियमित तौर पर क्रेडिट कार्ड मंथली स्टेटमेंट चेक करते रहें। सभी ट्रांजैक्शन पर निगरानी रखें। किसी प्रकार अनधिकृत ट्रांजैक्शन की जानकारी अपने बैंक को दें।
  • कभी भी पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करके वित्तीय ट्रांजैक्शन ना करें। हमेशा सुरक्षित वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।
  • व्हाट्सएप, एसएमएस, ईमेल इत्यादि पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  • क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें। इससे आपके नाम पर जारी क्रेडिट कार्ड और लोन की जानकारी प्राप्त होगी।

 


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