Gold Loan Fraud: गोल्ड लोन फ्रॉड को लेकर सरकार ने सभी सरकारी बैंकों को निर्देश जारी है। हाल ही बैंकों द्वारा गोल्ड लोन से नियमों के उल्लंगन के मामले सामने आए हैं। जिसे लेकर वित्तमंत्रालय ने सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए निर्देश जारी किया है। । साथ ही गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की समीक्षा करने की सलाह दी है।
वित्त मंत्रालय से जारी किए निर्देश
वित्तीय सेवा विभाग ने संबोधित पत्र के जरिए बैंकों को 1 जनवरी 2023 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक पिछले दो वर्षों की अवधि पर गहन समीक्षा करने की सलाह दी है। इस पत्र में गोल्ड लोन से जुड़े विभिन्न चिंताओं की चर्चा भी की गई है। इसमें बिना अपेक्षित गोल्ड कॉलेटरल के गोल्ड लोन का वितरण, शुल्क और कैश Repayment शामिल है।
आरबीआई ने बैंकों से मांगा डेटा
गोल्ड लोन से जुड़े फ्रॉड को रोकने के आरबीआई भी अहम कदम उठाने में जुटा हुआ है। रिजर्व बैन ने सभी बैंकों से कुछ जुरुरी जानकारी की मांग की है। केन्द्रीय बैंक ने बैंकों को गोल्ड लोन में रिपोर्ट किए गए फ्रॉड, पोर्टफोलियो में डिफ़ॉल्ट और पैसे रिकवर करने के लिए किए गए प्रयासों की पूरी जानकारी देने का निर्देश जारी किया है। RBI ने भी बैंकों को गोल्ड लोन से जुड़ी लेनदेन की प्रक्रिया की समीक्षा करने की सलाह दी है। दरअसल, ऐसे दो मामले आए जहां बैंकों के कर्मचारी गोल्ड लोन के मामले में सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। इसलिए आरबीआई ने बाँकों ने डेटा मांगा है।
गोल्ड लोन देना का नियम
रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार कोई भी बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी आभूषण के मूल्य का केवल 75% ही लोन दे सकती है। हालांकि कोविड-19 महामारी को देखते हुए गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए गोल्ड लोन के सीमा को 75% से 90% कर दिया गया है। यह छूट 31 मार्च 2021 तक ही प्रभावी थी।





