Income Tax : अभी तक आप सभी ने इनकम टैक्स की फाइल हर साल भरने की बात सुनी होगी। लेकिन अब फूड रिटर्न भरना भी अनिवार्य कर दिया गया है। जी हां, खाद्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए शासन द्वारा एक नया नियम बनाया गया है। जिसकी वजह से सभी के लिए सरदर्द बन गया है। दरअसल, जिस तरह से हर साल इनकम टैक्स भरा जाता है अब उसी तरह हर साल खाद व्यवसाय से जुड़े निर्माताओं, रिपैकर्स और रिलेबलर्स को फूड रिटर्न दाखिल करवाना होगा।
इस साल के लिए समय सीमा 31 मई दी गई है। इसमें ये भी जानकारी देना अनिवार्य होगी कि साल भर में कितना उत्पादन किया है। अगर समय रहते फूड रिटर्न दाखिल नहीं किया तो हर दिन 100 रूपये जुर्माना भरना होगा। आपको बता दे, दो साल पहले देश में इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया था। हालांकि अभी तक अधिकतर व्यापारियों को इसकी जानकारी नहीं है।
लेकिन अब इस साल से हर साल इनकम टैक्स की तरह ही फूड रिटर्न भरना अनिवार्य कर दिया गया है। दरअसल, ये अभी उन व्यापारियों के लिए अनिवार्य किया गया है जिनका उत्पादन 100 किलो प्रतिदिन से ज्यादा है। नियम के अनुसार 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच कितना उत्पादन किया गया है उसकी जानकारी फार्म डी-1 और डी-2 के रूप में दर्ज करना होगी। साथ ही ये भी बताना होगा कि कितना प्रोडक्शन किया, उसकी पैकिंग साइज क्या थी और कीमत क्या थी।
बड़ी बात ये है की खाद्य व्यापारियों को साल में एक बार ही ये जानकारी देनी होगी लेकिन डेयरी व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को यह जानकारी साल में दो बार यानी हर छह माह जानकारी देनी अनिवार्य होगी। अगर ऐसा नहीं किया तो जुर्माना भरना पड़ेगा। अधिकतम जुर्माना 37500 रुपए तय किया गया है। ताकी समय पर जानकारी जमा ना करने की स्थिति में व्यापारी पर ज्यादा बोझ ना पड़े।