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Thu, Dec 18, 2025

फर्श से अर्श तक- पिता की सालभर की कमाई से खरीदी टिकट, बेटा बना अरबपति

Written by:Vijay Choudhary
Published:
फर्श से अर्श तक- पिता की सालभर की कमाई से खरीदी टिकट, बेटा बना अरबपति

भारत में जन्मे और अब दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Alphabet Inc.) के सीईओ सुंदर पिचई की नेटवर्थ अब 1.1 अरब डॉलर (लगभग 9,200 करोड़ रुपये) से ज्यादा हो चुकी है। शेयर बाजार में Alphabet के स्टॉक्स में लगातार तेजी और कंपनी की ग्रोथ ने पिचई को इस मुकाम तक पहुंचाया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, पिचई की अल्फाबेट में 0.02% हिस्सेदारी है, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 440 मिलियन डॉलर है।

बीते 10 वर्षों में पिचई ने 650 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के शेयर बेचे हैं। अगर वह ये सारे शेयर आज भी अपने पास रखते, तो उनकी कुल संपत्ति 2.5 अरब डॉलर से भी ज्यादा होती।

AI में निवेश ने बदला कंपनी का भविष्य

पिचई ने जब गूगल की कमान संभाली, तो उनकी प्राथमिकता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सबसे ऊपर थी। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि CEO बनने के बाद उनकी सबसे पहली योजनाओं में AI पर फोकस करना शामिल था। उनके नेतृत्व में कंपनी ने AI पर भारी निवेश किया, जिससे गूगल के लगभग हर बिजनेस सेक्टर को फायदा पहुंचा। 2014 में गूगल ने ब्रिटिश AI स्टार्टअप DeepMind को खरीदा और फिर से AI में निवेश को और तेज किया। 2024 और 2025 के बीच ही कंपनी ने AI इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब 50 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इसके चलते कंपनी का स्टॉक लगातार ऊपर चढ़ा और निवेशकों को 120% तक का रिटर्न मिला।

मजबूती से बढ़ रही अल्फाबेट की ग्रोथ

Alphabet की मार्केट वैल्यू अब 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुकी है। कंपनी की ताज़ा वित्तीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से कहीं बेहतर रहे। इसके बाद कंपनी के शेयरों में 4.1% की बढ़त आई। कंपनी ने रिसर्च और डेवलपमेंट पर भी खर्च 16% तक बढ़ाया है। पिचई ने कहा कि क्लाउड ग्राहकों की बढ़ती मांग के चलते AI इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करना जरूरी हो गया है। इस दिशा में कंपनी का काम काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

दो कमरों का घर, और फिर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी का CEO

सुंदर पिचई का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनका जन्म चेन्नई के एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता इंजीनियर थे और परिवार एक दो कमरों के फ्लैट में रहता था। उस वक्त उनके घर में न कार थी, न टीवी, और न ही पढ़ाई के लिए कोई अलग कमरा। इसके बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत की और IIT खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। फिर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप लेकर अमेरिका पहुंचे। उनके माता-पिता ने हवाई जहाज का टिकट खरीदने के लिए लगभग 1000 डॉलर जुटाए, जो उनके पिता की सालभर की कमाई से ज्यादा था। आज वही सुंदर पिचई गूगल जैसी बड़ी कंपनी के मुखिया हैं और दुनियाभर के युवाओं के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।