अमेरिकी अदालत में चल रहे अदानी ग्रीन एनर्जी से जुड़े केस में अरबपति गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी को अब तक समन नहीं भेजा जा सका है। न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को जानकारी देते हुए अमेरिकी SEC ने बताया है कि भारत की कानूनी प्रक्रिया के तहत समन भेजने की प्रक्रिया फिलहाल अधूरी है। भारत सरकार के सहयोग से गुजरात की एक सेशंस कोर्ट को समन भेजा गया था ताकि वहां से इसे अदानी परिवार को सौंपा जा सके। लेकिन अब तक अदालतों ने यह समन उन्हें थमाया नहीं है। SEC ने बताया कि वे इस पूरी प्रक्रिया की प्रगति पर नज़र बनाए हुए हैं और 11 अगस्त को कोर्ट में अगली स्थिति रिपोर्ट देंगे।
दरअसल नवंबर 2024 में दायर शिकायत में SEC और अमेरिकी न्याय विभाग ने गौतम अदानी और सागर अदानी पर गंभीर आरोप लगाए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों पर अदानी ग्रीन एनर्जी के जरिए 175 मिलियन डॉलर का लोन जुटाते समय “गलत और भ्रामक जानकारी” देने का आरोप है। इसके अलावा, भारतीय सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात भी सामने आई है।

अदानी ग्रुप का इस मामले में क्या कहना है?
हालांकि, अदानी ग्रुप इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका है। समूह की ओर से कहा गया कि सभी लेन-देन कानूनों के अनुसार हुए हैं और आरोपों का कोई कानूनी आधार नहीं है। साथ ही वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि गौतम या सागर अदानी पर अमेरिका के भ्रष्टाचार विरोधी कानून FCPA के तहत कोई सीधा आरोप नहीं लगाया गया है।
SEC और भारत के बीच कानूनन सहयोग
दरअसल अमेरिकी एजेंसी SEC ने भारत सरकार से ‘हेग कन्वेंशन’ के तहत कानूनी सहयोग मांगा है। इसके तहत भारतीय कानून मंत्रालय ने मार्च में गुजरात की एक अदालत को अदानी परिवार के नाम समन सौंपा था। लेकिन अब तक अदालत से यह पुष्टि नहीं हुई है कि समन सौंपा गया या नहीं। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि अदानी परिवार की भारत में मौजूदगी के चलते समन सौंपने की प्रक्रिया कानूनी तौर पर भारत की कोर्ट के जरिए ही संभव है। ऐसे में दोनों देशों की एजेंसियां इस पर समन्वय कर रही हैं। SEC इस प्रक्रिया की नियमित रिपोर्ट अमेरिकी कोर्ट को दे रहा है ताकि केस की सुनवाई में पारदर्शिता बनी रहे।