नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ पिछले वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) के मुकाबले इस वर्ष 9.2% की दर से बढ़ सकती है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 7.3 फीसदी दर्ज किया गया था। अभी हाल ही में सरकार ने अनुमानित आंकड़े जारी किए हैं। दरअसल, एनएसओ के द्वारा जारी किए गए आकंड़े आरबीआई की ओर से जारी किए आंकड़ों से भी कम है। वहीं रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2021 में हुई मॉनिटरी पॉलिसी में 9.5% की ग्रोथ का अनुमान लगाया था। सरकार टैक्स कलेक्शन और राजकोषीय घाटे के अनुमानों जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों की गणना के लिए बजट से पहले GDP अनुमान जारी करती है।
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हम आपको बता दें कि कोरोना काल में विश्वभर के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को तगड़ा झटका लगा था। लेकिन अब इकोनॉमी धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रही है। मगर इसी बीच कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने फिर चिंता में डाल दिया हैं।
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हाल ही में ओमिक्रॉन के संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए एहतियात के तौर पर कई राज्यों ने पाबंदी भी लगाना शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि जिससे आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों पर सुधार के असर रहेंगे। और वित्त वर्ष 2022 में सांकेतिक GDP 147.5 ट्रिलियन रुपए पर पहुंच सकती है। वहीं वित्त वर्ष 20 में यह 145.7 ट्रिलियन डॉलर थी। यानी GDP ग्रोथ महामारी के पहले के लेवल को पार कर सकती है। साथ ही ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (GVA) का भी वित्त वर्ष 2022 में 8.6% की दर से बढ़ने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2021 में इसमें 6.2% का कॉन्ट्रेक्शन दिखा था। इन आंकड़ों का इस्तेमाल बजट बनाने में बेस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।