नई दिल्ली। देश में माल एवं सेवाकर जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से कारोबारियों को अब तक 82000 करोड़ रुपए से अधिक का रिफंड किया जा चुका है। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीबीआईसी के सदस्य आरके बर्थवाल ने यह जानकारी दी। जीएसटी देश में एक जुलाई 2017 को लागू किया गया। बर्थवाल ने यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2018 आईआईटीएफ बताया कि सरकार ने जीएसटी रिफंड के लिए तीन पखवाड़ों के दौरान विशेष अभियान चलाया और अब तक कुल मिलाकर 82000 करोड़ रुपए से अधिक के रिफंड दावों का निपटान किया जा चुका है। उन्होंने कहा, जीएसटी के तहत यह रिफंड अलग अलग मदों में दिया गया है। निर्यातकों द्वारा दिए गए शुल्क का रिफंड किया गया है। एकीकृत जीएसटी के तहत डीम्ड एक्सपोर्ट पर जो शुल्क दिया गया उसका रिफंड हुआ है। इसी तरह के कुछ अन्य शुल्कों का रिफंड जारी किया गया। सीबीआईसी ने यह काम विशेष अभियान के जरिए किया है। देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई 2017 से अमल में आई है। यह व्यवस्था पूरी तरह से आनलाइन है। जीएसटीएन कंपनी इसके आनलाइन पोर्टल का संचालन करती है।
जीएसटी से परेशान हुए कारोबारी
पिछले करीब डेढ़ साल के दौरान जीएसटी व्यवस्था में कारोबारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जीएसटी पोर्टल में पंजीकरण, कर रिटर्न भरनेए गलत रिटर्न भरने जैसी कई समस्यायें सामने आईं। हालांकि, अब इसमें कुछ स्थायित्व आया है। बर्थवाल ने कहा कि सरकार जीएसटी व्यवस्था को लगातार सरल बनाने पर ध्यान दे रही है। इसके लिए जागरुकता बढ़ाई जा रही है। जीएसटी अपने आप में एक अप्रत्याशित बदलाव है जिसे लाया गया। एक देश, एक बाजार और एक कर की दिशा में यह अतुलनीय कदम उठाया गया। इस तरह का कोई बड़ा कदम जब उठाया जाता है तो उसमें कुछ दिक्कतें आती हैं। रिफंड एक बड़ा मुद्दा था। बोर्ड ने सरकार ने इस पर गौर किया और विशेष अभियान चलाए गए जिसमें जीएसटी रिफंड दावों के बड़े हिस्से का निपटान किया गया।