MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

क्या ‘गोल्डीलॉक्स जोन’ में पहुंच गई है भारत की अर्थव्यवस्था? जानें इसका मतलब

Written by:Vijay Choudhary
Published:
क्या ‘गोल्डीलॉक्स जोन’ में पहुंच गई है भारत की अर्थव्यवस्था? जानें इसका मतलब

भारत की अर्थव्यवस्था इस वक्त एक ऐसे दौर में है, जिसे ‘गोल्डीलॉक्स इकोनॉमी’ कहा जाता है। इसका मतलब है – जब देश में महंगाई कम हो, लेकिन आर्थिक विकास की गति बनी रहे। यह शब्द बच्चों की एक प्रसिद्ध कहानी से लिया गया है जिसमें गोल्डीलॉक्स नाम की लड़की तीन कटोरे दलिया में से एक ऐसा चुनती है जो न ज्यादा गर्म होता है और न ज्यादा ठंडा – बिल्कुल सही तापमान में।

भारत की इकोनॉमी भी फिलहाल ऐसी ही है – न बहुत तेज गर्म (यानी अधिक महंगाई) और न ही ज्यादा ठंडी (यानी मंदी)। यह स्थिति निवेश, विकास और उपभोक्ता विश्वास के लिए आदर्श मानी जाती है।

महंगाई में आई बड़ी गिरावट

जून 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, देश की खुदरा महंगाई सिर्फ 2.1% रही, जो पूरे साल के लिए RBI के अनुमान (3.7%) से काफी कम है। अप्रैल-जून तिमाही में भी औसत महंगाई 2.7% रही, जबकि अनुमान 2.9% का था। अगर यही स्थिति जुलाई में भी बनी रही, तो महंगाई दर 2% से नीचे आ सकती है, जो बीते कई सालों में एक बड़ा सुधार माना जाएगा।

महंगाई घटने की वजहें-

खाने-पीने की चीजों के दाम घटे
ईंधन की कीमतें कम हुईं
सप्लाई चेन में सुधार

RBI गवर्नर के बयान से मिले पॉजिटिव संकेत

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर आने वाले समय में महंगाई और आर्थिक ग्रोथ दोनों स्थिर रहे, तो रेपो रेट में और कटौती की जा सकती है। पहले ही RBI फरवरी, अप्रैल और जून 2025 में रेपो रेट घटा चुका है। अब उम्मीद है कि अगस्त में होने वाली MPC बैठक में फिर से रेट कम किया जा सकता है। हालांकि, नई महंगाई दर को देखकर RBI को एक बार फिर सोचने की जरूरत पड़ सकती है।

निवेश और बाजार के लिए अच्छा समय

महंगाई कम और विकास दर स्थिर होने की वजह से देश में निवेश के लिए बेहतर माहौल बना है। शेयर बाजार में भी इसका असर देखने को मिला है। विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और कई सेक्टरों में सुधार दिखने लगा है।

इस स्थिति में अगर रेपो रेट में और कटौती होती है, तो इससे-

लोन सस्ते होंगे
EMI कम हो सकती है
कर्ज लेना आसान होगा
छोटे व्यापार और स्टार्टअप को फायदा मिलेगा