HDB Financial Services का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 25 जून से 27 जून तक ओपन रहेगा। यह साल 2025 का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है। दरअसल कंपनी ₹12,500 करोड़ का इश्यू ला रही है, जिसमें ₹2,500 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹10,000 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल रहने वाला है। वहीं ऑफर फॉर सेल में HDFC बैंक अपनी हिस्सेदारी बेचेगा।
दरअसल रिटेल इन्वेस्टर्स को इसमें 20 शेयरों का एक लॉट खरीदना होगा, जिसकी कीमत लगभग ₹14,800 (740 रुपए प्रति शेयर) होगी। इस IPO का प्राइस बैंड ₹730 से ₹750 प्रति शेयर के बीच है। अलॉटमेंट 30 जून को फाइनल होगा और शेयर 2 जुलाई को BSE और NSE पर लिस्ट होंगे।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज क्या करती है?
दरअसल HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, HDFC बैंक की नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है, जो पर्सनल लोन, गोल्ड लोन, बिजनेस लोन, ऑटो लोन और कंज्यूमर ड्युरेबल फाइनेंस जैसी सेवाएं देती है। कंपनी की देशभर में 1,680 से ज्यादा ब्रांच हैं और इसका लोन पोर्टफोलियो 1.02 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। सितंबर 2024 तक कंपनी के लोन में सालाना 22% की ग्रोथ दर्ज हुई। जून तिमाही में HDB की नेटवर्थ 13,300 करोड़ रुपए रही। कंपनी का 2024 का कुल रेवेन्यू ₹14,171 करोड़ और नेट प्रॉफिट ₹2,460 करोड़ रहा, जो बीते साल के मुकाबले बेहतर है।
किसलिए कंपनी ने आईपीओ का किया रुख?
बता दें कि HDB फाइनेंशियल की पैरेंट कंपनी HDFC बैंक पहले से ही बाजार में बड़ी पहचान रखती है, और इसी भरोसे पर ये IPO बाजार में उतरा है। कंपनी NBFC सेक्टर में अग्रणी प्लेयर है और टेक्नोलॉजी, सर्विस और रीच के लिहाज से मजबूत स्थिति में है। इस IPO का इस्तेमाल कंपनी टियर-1 कैपिटल को मजबूत करने और आगे लोन देने की क्षमता बढ़ाने में करेगी। यानी कंपनी का फोकस आने वाले समय में ग्रोथ को लेकर काफी स्पष्ट नजर आ रहा है।





