हिंदुजा समूह (Hinduja Group) के चेयरमैन और भारतीय मूल के अरबपति गोपीचंद पी. हिंदुजा (Gopichand P. Hinduja) का 85 साल की उम्र में बुधवार को लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। हिंदुजा के निधन की जानकारी उनके परिवार के सूत्रों से मिली है। गोपीचंद पी हिंदुजा पिछले कुछ सप्ताह से बीमार थे और लंदन के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। गोपीचंद हिंदुजा के निधन के बाद व्यापार जगत में शोक की लहर है।
गोपीचंद पी. हिंदुजा, चार हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े थे और लंबे समय से अस्वस्थ थे। कारोबारी जगत में ‘जीपी’ के नाम से मशहूर गोपीचंद के परिवार में उनकी पत्नी सुनीता, बेटे संजय और धीरज और बेटी रीता हैं। उद्योग जगत में गोपीचंद पी. हिंदुजा ‘जीपी’ के नाम से मशहूर थे। हिंदुजा परिवार की दूसरी पीढ़ी से ताल्लुक रखने वाले गोपीचंद ने मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद के निधन के बाद चेयरमैन का पद संभाला था।
गोपीचंद पी हिंदुजा की नेटवर्थ
हिंदुजा परिवार का व्यवसाय सबसे पहले 1914 में जी.पी. हिंदुजा के पिता परमानंद हिंदुजा ने स्थापित किया गया था। वहीं इसके फाउंडर थे। गोपीचंद हिंदुजा और उनके भाई श्रीचंद हिंदुजा ने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया और इसे आज के अरबों डॉलर के समूह में बदल दिया। बता दें कि गोपीचंद हिंदुजा और उनका परिवार 33.68 लाख करोड़ की कुल संपत्ति के साथ ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार है।
हिंदुजा ग्रुप का व्यापार
हिंदुआ परिवार लंदन में महत्वपूर्ण रियल एस्टेट संपत्तियों का मालिक है। इसमें व्हाइटहॉल की ऐतिहासिक ओल्ड वॉर ऑफिस बिल्डिंग में स्थित रैफल्स लंदन होटल भी शामिल है। हिंदुजा ग्रुप कई तरह के उद्योगों में फैला हुआ है। इसमें ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, रसायन, ऊर्जा, मीडिया और रियल एस्टेट शामिल हैं। हिंदुजा ग्रुप का भारत और दुनिया भर में मजबूत प्रभाव रहा है। गोपीचंद हिंदुजा ने अपने नेतृत्व से ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। गोपीचंद हिंदुजा के निधन के बाद उद्योग जगत में शोक की लहर है।
गोपीचंद हिंदुजा का सामान्य परिचय
गोपीचंद हिंदुजा का जन्म 1940 में भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम परमानंद हिंदुजा था जिन्होंने 1914 में हिंदुजा ग्रुप की नींव रखी। गोपीचंद हिंदुजा ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से 1959 में ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर से ऑनरेरी डॉक्टरेट ऑफ लॉ और लंदन के रिचमंड कॉलेज से ऑनरेरी डॉक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स की उपाधि दी गई थी। इसके बाद 2023 में भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद गोपीचंद हिंदुजा ने हिंदुजा ग्रुप की कमान संभाली।





