इस सरकारी बैंक ने दी राहत, सस्ता किया होम लोन, ब्याज दरों में की कटौती, यहाँ चेक करें नए रेट 

बैंक ऑफ बड़ौदा ने होम लोन के ब्याज दरों में बदलाव किया है। उधारकर्ताओं को राहत मिली है। नई दरें 5 मई 2025 से प्रभावी हो चुकी हैं।

आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद से ही लोन के ब्याज दरों (Home Loan Rates) में कटौती का सिलसिला जारी है। अब तक कई बैंक एफडी और लेंडिंग रेट्स में संशोधन किया है। एक बार फिर बैंक ऑफ बड़ौदा ने लाखों ग्राहकों को राहत दी है। होम लोन के ब्याज दरों में बदलाव किया है। नए रेट 5 मई 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। सोमवार को बीओबी ने फिक्स्ड डिपॉजिट के इन्टरेस्ट रेट को भी घटाया है।

बैंक ने अप्रैल में ही एमसीएलआर और बीआरएलएलआर में संशोधन किया था। अब होम लोन के ब्याज दरों में 40 आधार अंकों की कटौती की है। 15 लाख रुपये से अधिक के लोन के लिए नए रेट घटकर 8.40% से 8% हो गए हैं। यह उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर से भी संबंधित हैं। दरें होम लोन और होम इम्प्रूव्मेंट लोन पर लागू होती हैं।

इन लोगों को मिलेगी रियायत 

बैंक महिला उधारकर्ताओं को 0.50% प्रतिवर्ष की रियायत दे रहा है। इसके अलावा यदि 40 वर्ष से कम आयु का कोई व्यक्ति यदि होम लेना लेना तो उसे 0.10% प्रतिवर्ष की छूट मिलेगी, जो तैयार संपत्तियों, होम लोन के ट्रांसफर इत्यादि पर है। वहीं रेपो दर में कटौती का लाभ बैंक रेपो ऋण से जुड़े मौजूदा उधारकर्ताओं को पहले से ही दे रहा है।

एमसीएलआर दरें जान लें 

बैंक ने 12 अप्रैल को एमसीएलआर को अपडेट किया था। वर्तमान में ओवरनाइट एमसीएलआर 8.15% हैं। वहीं एक महीने के लिए दरें 8.35%, 3 महीने के लिए 8.55%, 6 महीने के लिए 8.80% और एक साल के लिए 9% है। वहीं बेस रेट 9.45% सलाना है और बीपीएलआर 13.75% है।

5 मई से एफडी के भी नए रेट लागू 

बैंक ऑफ बड़ौदा के 444 दिन के स्पेशल एफडी के लिए ब्याज दरों में कटौती की है। संशोधन के बाद सामान्य नागरिकों को 7.15% नहीं बल्कि 7.10% रिटर्न मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर 7.60% और सुपर सीनियर सिटीजंस को 7.70% इंटरेस्ट मिल रहा है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News