समय पर होगा IDBI Bank का निजीकरण, विनिवेश टालने की रिपोर्ट को सरकार ने बताया अफवाह
केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक के चार अरब डॉलर के प्राइवेटाइजेशन प्लान को टाल सकती है। सरकार बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है, लेकिन अब बिक्री की योजना टाल रही है। क्योंकि सरकार को डर है कि बाजार में अभूतपूर्व उतार-चढ़ाव संभावित खरीदारों को डरा सकते हैं।
IDBI Bank : सरकार की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि आईडीबीआई बैंक का निजीकरण ट्रैक पर है। केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक के चार अरब डॉलर के प्राइवेटाइजेशन प्लान को टाल सकती है। सरकार बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है, लेकिन अब बिक्री की योजना टाल रही है। क्योंकि सरकार को डर है कि बाजार में अभूतपूर्व उतार-चढ़ाव संभावित खरीदारों को डरा सकते हैं। बैंक के निजीकरण को लेकर सामने आई रिपोर्ट्स पर निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management (DIPAM)) की ओर से कहा गया कि बैंक का विनिवेश ईओआई (EOI) के बाद के चरण में है।
दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे की ओर से ट्वीट किया गया कि कई ईओआई प्राप्त होने के बाद तय प्रोसेस के आधार पर बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया चल रही है और यह ईओआई के बाद के चरण में है।
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जनवरी में प्राप्त हुई थीं बोलियां
सरकार और एलआईसी की ओर से आईडीबीआई बैंक में 61 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जा रही है और कई निवेशकों से सरकार को बोलियां (EoI) प्राप्त हुई थीं। मौजूदा समय में एलआईसी के पास आईडीबीआई बैंक का 94.72 प्रतिशत हिस्सा है और इस विनिवेश के बाद बैंक में हिस्सेदारी 34 प्रतिशत की रह जाएगी।
बता दें, विनिवेश के लिए जो भी बोलियां प्राप्त हुई है। सरकार की ओर से उनका सिक्योरिटी क्लीयरेंस और आरबीआई द्वारा फिट एंड प्रोपर क्लीयरेंस किया जा रहा है। साथ ही जिन निवेशकों ने बोलियां जमा कराई हैं, वे भी क्लीयरेंस सभी महत्वपूर्ण जानकारी सरकार और आरबीआई को उपलब्ध करा रहे हैं।
अगले वित्त वर्ष में हो सकता है विनिवेश
अधिकारियों के आशा है कि अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष की दूसरी छिमाही तक आईडीबीआई बैंक का विनिवेश हो सकता है। इसके बाद बैंक में सरकार के पास 15 प्रतिशत और एलआईसी के पास 19 प्रतिशत रह जाएगी।