Income Tax Return : वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। हालांकि अभी इसके लिए लगभग 40 दिन का समय बचा हुआ है। लेकिन फिर भी, कई लोग आखिरी तारीख तक ITR दाखिल नहीं कर पाते हैं। इसके पीछे आलस और जागरूकता की कमी जैसी कई वजहें हो सकती हैं।
दरअसल कुछ लोग यह मान लेते हैं कि टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) कटने के बाद एम्प्लॉयर द्वारा जारी किया गया फॉर्म 16 ही पर्याप्त है। लेकिन ऐसा नहीं है। इसके अलावा भी कई और कारण हैं, जिनकी वजह से ITR फाइल करना बहुत जरूरी होता है। चलिए आज हम इस बारे में आपको जानकारी देने जा रहे हैं।
ITR फाइल करना क्यों जरूरी है?
अगर आप भारत के निवासी हैं और एक नौकरी या बिजनेस करने वाले व्यक्ति हैं, तो ऐसे में आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होता है। इसके साथ ही, यदि आपकी इनकम टैक्स छूट और कटौती (डिडक्शन) के पहले टैक्स छूट की लिमिट से ज्यादा है, तो ऐसे में भी आपको ITR फाइल जरूर करना चाहिए। चलिए जानते हैं हमें इनकम टैक्स किन विभिन्न स्रोतों के कारण ITR फाइल करना चाहिए:
सैलरी या पेंशन से आय: नौकरी करने वाले लोगों के लिए ITR फाइल करना जरूरी है ताकि उनकी सैलरी या पेंशन से हुई आय का सही-सही विवरण मिल सके।
हाउस प्रॉपर्टी से इनकम: यदि आप किराए पर प्रॉपर्टी देते हैं या उससे कोई अन्य इनकम होती है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य है।
कृषि से आय: खेती-बाड़ी से होने वाली आय भी ITR में दर्शानी होती है।
कैपिटल गेन से हुई आमदनी: शेयर, म्यूचुअल फंड, या अन्य निवेशों से होने वाले कैपिटल गेन की जानकारी ITR में देनी होती है।
विदेश में संपत्ति रखने वाले: विदेश में संपत्ति या आय रखने वालों के लिए भी ITR फाइल करना जरूरी है।
धारा 194N के तहत टैक्स डिडक्शन: बैंक से नकद निकासी पर TDS कटने की स्थिति में ITR फाइल करना आवश्यक हो जाता है।
किसी कंपनी के निदेशक: कंपनी के निदेशकों को भी अपनी आय का सही-सही विवरण देना होता है।
अन्य स्रोतों से आय: एफडी पर ब्याज, लॉटरी, घुड़दौड़ जैसी अन्य स्रोतों से होने वाली आय का विवरण भी ITR में देना होता है।
ESOP पर टैक्स का भुगतान: कर्मचारियों को कंपनी द्वारा दिए गए ESOP पर टैक्स का विवरण भी ITR में दर्शाना होता है।
गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश: अगर आपने गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया है, तो इसकी जानकारी भी ITR में देनी होती है।
यदि ऐसे में कोई करदाता से जानकारी के अभाव में या किसी और वजह से गलत रिटर्न फॉर्म या ITR फाइल हो जाता है, तो आयकर विभाग इसमें सुधार करने के लिए कई मौके भी प्रदान करता है। लेकिन, अगर आप जानबूझकर टैक्स बचाने या चोरी के लिए गलत रिटर्न फाइल करते हैं या कम रिपोर्ट करते हैं, तो ऐसे में आप पर विभाग द्वारा बकाया टैक्स राशि का 100% से 300% तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।