17 अप्रैल को भारतीय रुपए में मजबूती देखने को मिली। आज रुपया 20 पैसे बढ़कर 85.48 के स्तर पर खुला है। घरेलू आंकड़ों और डॉलर में कमजोरी के कारण देश में विदेशी निवेश बढ़ रहा है, जिसके कारण भी रुपया बढ़त के साथ खुला है। रुपया पिछले सत्र के 85.68 रुपए प्रति डॉलर के क्लोजिंग के मुकाबले 85.48 के स्तर पर खुला है। यह लगातार चौथा दिन है जब रुपए में बढ़त देखने को मिल रही है। घरेलू आर्थिक आंकड़ों के लिहाज़ से रुपए की यह बढ़त अच्छे संकेत हैं।
दरअसल, चीन की ग्रोथ को धीमा करने के लिए अमेरिका की ओर से बड़े कदम उठाए गए हैं, लेकिन इसका फायदा भारत को भी मिल रहा है। भारत अब विदेशी निवेशकों के लिए एक मजबूत बाजार बनता हुआ दिखाई दे रहा है। विदेशी निवेशक अब अमेरिका और चीन से निकलकर भारत में निवेश कर रहे हैं। हालांकि दूसरी ओर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर में कमी आने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं।

किस कारण से मजबूत हुआ रुपया?
अमेरिका और चीन एक-दूसरे पर टैरिफ के हमले कर रहे हैं, जिससे ग्लोबल ट्रेड और अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। डॉलर इंडेक्स 100 से नीचे कारोबार करता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि इसका फायदा रुपए को हो रहा है। दुनिया की 6 सबसे बड़ी मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर इंडेक्स आज के शुरुआती कारोबार में 99.488 के स्तर पर पहुंच गया है। पिछले दो सत्रों की बात की जाए तो इसमें गिरावट देखने को मिली है।
भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट को घटाया गया
वहीं, अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है। हाल ही में मूडीज रेटिंग्स ने भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया है। फरवरी में जो ग्रोथ रेट का अनुमान 6.6 प्रतिशत रखा गया था, अब ट्रेड वॉर को देखते हुए इसे घटाकर 5.5% से 6.5% के बीच रखा गया है। इसका सबसे बड़ा कारण ट्रंप की नई टैरिफ पॉलिसी को माना जा रहा है। मूडीज के मुताबिक, हीरे, कपड़े और मेडिकल उपकरणों पर टैरिफ के कारण एक्सपोर्ट घटने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे अमेरिका के साथ ट्रेड डिफिसिट काफी बढ़ सकता है। हालांकि 90 दिन की रोक से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन लागू हुए टैरिफ के चलते निर्यात की मांग घटेगी और व्यापार में भी मंदी आ सकती है।