एक तरफ नारायण मूर्ति की 70 घंटे काम की सलाह तो दूसरी ओर Infosys ने लिया उल्टा फैसला, अब इन कर्मचारियों को भेजा जाएगा अलर्ट

इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों के लिए सख्त टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है। जहां नारायण मूर्ति युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करने की सलाह दे चुके हैं, वहीं Infosys अब तय घंटों से ज़्यादा काम करने वालों को अलर्ट भेज रहा है। इस फैसले से वर्क-लाइफ बैलेंस पर जोर देने की कंपनी की सोच सामने आई है।

इंफोसिस ने हाल ही में एक आंतरिक अभियान की शुरुआत की है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी कर्मचारी तय समय से अधिक काम न करे। खास बात ये है कि ये फैसला ऐसे समय आया है जब कंपनी के सह संस्थापक नारायण मूर्ति ने हाल ही में युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। अब कंपनी ने एक मॉनिटरिंग सिस्टम लागू कर दिया है, जो तय घंटों से ज़्यादा काम करने पर सीधे अलर्ट भेजेगा।

Infosys ने वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड मोड में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक नया मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है। इसके तहत कर्मचारियों को हफ्ते में 5 दिन, रोजाना 9 घंटे 15 मिनट काम करना अनिवार्य है। अगर कोई कर्मचारी इस समय सीमा को पार करता है, तो सिस्टम उन्हें अलर्ट भेजेगा। HR डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए ई-मेल्स में यह साफ किया गया है कि कर्मचारियों को हर महीने औसतन कितने घंटे काम करना है। इस तय लिमिट से ज्यादा काम करने पर स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, इसलिए कंपनी अब इसे गंभीरता से मॉनिटर कर रही है। एक कर्मचारी ने बताया कि “हमें दिन का फिक्स टाइम मिला हुआ है। अगर हम इससे ज्यादा काम करते हैं तो कंपनी की तरफ से रिपोर्ट बन जाती है।” इस पूरे सिस्टम का उद्देश्य यह है कि कर्मचारी वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखें और बर्नआउट जैसी स्थिति से बच सकें।

इंफोसिस (Infosys) का फोकस अब हेल्दी वर्क-लाइफ बैलेंस पर

दरअसल इंफोसिस के HR डिपार्टमेंट ने साफ कर दिया है कि कंपनी अब हेल्दी वर्क-लाइफ बैलेंस को प्राथमिकता दे रही है। भेजे गए ईमेल में कर्मचारियों को यह सुझाव दिया गया है कि वे अपने पर्सनल और प्रोफेशनल ग्रोथ पर बराबर ध्यान दें। खास तौर पर टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रेस, और नींद की कमी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। कंपनी ने माना है कि लंबे समय तक काम करने से इन हेल्थ इश्यूज का रिस्क बढ़ जाता है। Infosys का यह कदम टेक सेक्टर में एक बड़ा मैसेज है, क्योंकि ज़्यादातर कंपनियां अभी भी कर्मचारियों से एक्स्ट्रा आउटपुट की उम्मीद करती हैं। ऐसे में Infosys का यह हेल्थ-फर्स्ट अप्रोच कंपनी की छवि को और मज़बूत कर सकता है।

नारायण मूर्ति की 70 घंटे की सलाह पर उठे थे सवाल

दरअसल पिछले साल नारायण मूर्ति ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर भारत को आगे बढ़ना है तो युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए। उनके इस बयान पर काफी बवाल मचा था। कई लोगों ने इसे असंवेदनशील बताया तो कुछ ने इसे “ग्राउंड रियलिटी से दूर” कहा था। वहीं Infosys का ताज़ा फैसला उनके बयान से बिल्कुल उलट दिशा में जाता नजर आ रहा है। इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या आज के दौर में “ज़्यादा काम” ही सफलता की कुंजी है, या फिर “स्मार्ट वर्क और बैलेंस” ज़्यादा जरूरी हो गया है? Infosys का नया कदम इस बात की तस्दीक करता है कि कंपनियां अब सिर्फ रिजल्ट नहीं, बल्कि कर्मचारियों की सेहत और संतुलित जीवन को भी अहमियत दे रही हैं।


About Author
Ronak Namdev

Ronak Namdev

मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

Other Latest News