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Sun, Dec 21, 2025

इनकम टैक्स रिटर्न 2025: करदाताओं के लिए बड़ी अपडेट, ITR फाइलिंग प्रक्रिया में हुए 7 बड़े बदलाव, जरूर जान लें नए नियम, देखें खबर 

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इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग प्रोसेस में कई बदलाव हुए हैं। जिसकी घोषणा आयकर विभाग ने कर दी है। नए नियमों की जानकारी करदाताओं को होगी चाहिए। वरना बाद में परेशानी हो सकती है। 
इनकम टैक्स रिटर्न 2025: करदाताओं के लिए बड़ी अपडेट, ITR फाइलिंग प्रक्रिया में हुए 7 बड़े बदलाव, जरूर जान लें नए नियम, देखें खबर 

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आयकर विभाग ने वित्तवर्ष 2024 -25 के लिए आईटीआर-1 और आईटीआर 4 फॉर्म के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। वेतनभोगी, पेंशनर्स, लघु व्यापार मालिक और फ्रीलेन्सर ऑनलाइन टैक्स रिटर्न दायर कर सकते हैं। इससे पहले करदाताओं को ITR से संबंधित नए नियमों की जानकारी होनी चाहिए। ज्यादातर बदलाव उन टैक्सपेयर्स के लिए हुए, जिन्होनें लोन लिया है या इनकम का सोर्स वेतन है।

वेरिकफिकेशन नियमों में भी बदलाव हुआ हुआ है। विशेषज्ञों की माने तो यह आईटीआर की प्रक्रिया के दौरान कटौती के झूठे दावा को खत्म करने के लिए उठाया गया है। इससे गलतियों की संभावना भी कम होगी है। प्रोसेस पहले से फास्ट हो सकता है।

इन बदलाव को जान लें टैक्सपेयर्स (ITR Filing Rules)

  • धारा 80सी कटौती- अब सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन (पीएफ, टैक्स सेविंग एफडी, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी इत्यादि के लिए) का दावा करने के लिए टैक्सपेयर्स को  दस्तावेज पहचान संख्या का खुलासा करना होगा।
  • धारा 80डीडीबी के तहत निर्दिष्ट रोगों के ईलाज के लिए कर कटौती का दावा करने के लिए निर्दिष्ट रोग का नाम और अन्य जानकारी का उल्लेख करना होगा।
  • गृह किराया भत्ता (एचआरए) छूट को क्लेम करने वाले लोगों को व्यापक जानकारी देनी होगी। इसमें काम की जगह, वास्तविक भुगतान किया गया किराया, वास्तविक प्राप्त एचआरए, मूल वेतन और डीए के साथ मूल वेतन का 50% या 40% (मेट्रो या नॉन मेट्रो सिटी पर निर्भर करता है) शामिल हैं।
  • धारा 80D के तहत स्वास्थ्य विमा वितरण चिकित्सा या स्वास्थ्य बीमा के लिए कर कटौती का दावा करने वाले टैक्सपेयर्स को बीमा कंपनी का नाम और पॉलिसी या दस्तावेज की संख्या जैसी जानकारी देनी होगी।
  • ईवी व्हीकल लोन ब्याज धारा 80ईईबी के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद के लिए लोन पर चुकाये गए इंटरेस्ट के लिए टैक्सपेयर्स को ऋणदाता का नाम, बैंक का नाम, लोन अकाउंट नंबर, ऋण स्वीकृति तिथि, कुल लोन अमाउन्ट और 31 मार्च तक बकाया लोन जैसी जानकारी देनी होगी।
  • होम लोन पर ब्याज आवासीय गृह संपत्ति के लिए धारा 80ईई या 80ईईए के तहत ब्याज कटौती के लिए ऋणदाता का नाम, लोन अकाउंट संख्या, लोन स्वीकृत तिथि, कुल लोन अमाउन्ट और 31 मार्च तक बकाया लोन जैसी जानकारी का खुलासा करना होगा।
  • एजुकेशन लोन के लिए धारा 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती के लिए अब  ऋणदाता का नाम, लोन अकाउंट संख्या, लोन स्वीकृत तिथि, कुल लोन अमाउन्ट, लोन का ब्याज और 31 मार्च तक बकाया लोन जैसी जानकारी अनिवार्य होगा।

किन लोगों के लिए होता है आईटी-1 और 4?

बता दें आईटी-1 यानि सहज रेसिदेंट व्यक्ति जिनके कमाई का माध्यम वेतन, वन हाउस प्रॉपर्टी, ब्याज या पेंशन है, वे इसके जरिए टैक्स रिटर्न फ़ाइल कर सकते हैं। इनकम 50 लाख रुपये तक होनी चाहिए। वहीं आईटीआर-2 फॉर्म उन व्यक्ति, एचयुएफ और फर्म के लिए है, जो बिजनेस या प्रोफेशन के 50 लाख रुपये की कमी करते हैं। साल आईटीआर फाइल करने की तारीख 31 जुलाई नहीं बल्कि 15 सितंबर है।