वित्तवर्ष 2024-25 के लिए सभी आईटीआर फॉर्म को आयकर विभाग ने अधिसूचित कर दिया है। लेकिन अब तक इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइलिंग प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। लाखों करदाता इंतजार में बैठे हैं। 31 जुलाई आईटीआर फ़ाइल करने की आखिरी तारीख है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न प्रोसेस को आसान बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। फॉर्म 16 का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण पेश किया गया है।
नए डिजिटल फॉर्म 16 को डिजिटल इंडिया पहल के तहत पेश किया गया है। इसका उद्देश्य टैक्स रिटर्न प्रोसेस को तेज करना और सरल बनाना है। साथ ही यह कर्मचारियों के लिए आईटीआर प्रक्रिया को अधिक सुलभ और आसान बनाने में मदद करेगा। रिफ़ंड वितरण भी फास्ट हो सकता है।

डिजिटल ITR फॉर्म 16 के फायदे
- कर विवरण मैनुअल रूप से दर्ज करने के पुराने तरीकों से गलतियों, बेमेल और रिफ़ंड में देरी की संभावनाएं अधिक होती है। लेकिन नया डिजिटल फॉर्म 16 इन समस्याओं को कम करने का दावा करता है। यह सीधा नियोक्ता द्वारा TRACES पोर्टल से जनरेट किया जाता है।
- करदाता आसानी से डिजिटल दस्तावेज को टैक्स फ़ाइलिंग पोर्टल पर अपलोड कर पाएंगे। वेतन आय, टीडीएस और टैक्स डिडक्शन जैसे आँकड़े स्वचालित रूप से भर जाएंगे।
- मैन्युअल गिनती करने की जरूरत भी नहीं होगी। जिससे समय बचेगा। विसंगतियों के बारे में भी यह सचेत करता है। ताकि आप इन्हें आईटीआर जमा करने से पहले सुधार सकें।
- यह वैश्विक डेटा सुरक्षा मानकों के साथ संरेखित है। यह ISO 27001 प्रमाणित डेटा केंद्रों द्वारा समर्थित है, जो तिमाही VAPT और बाहरी ऑडिट से गुजरते हैं। फॉर्म पासवर्ड से सुरक्षित होते हैं। जिससे संवेदशील वित्तीय देता की प्राइवसी और अखंडता सुनिश्चित होगी।
- कागज के इस्तेमाल में कमी आएगी। आयकर विभाग का यह फैसला पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होता है।
आईटीआर फॉर्म 16 क्यों जरूरी?
आईटीआर फॉर्म-16 वेतनभोगी करदाताओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह एक टीडीएस सर्टिफिकेट है, जो नियोक्ता द्वारा अगले वित्तवर्ष की 15 जून से पहले जारी किया जाता है। यह अर्जित वेतन और काटे गए टीडीएस की जानकारी देता है। यह सुनिश्चित करता है कि आपके नियुक्ता द्वारा काटा गया टैक्स सरकार को मिल गया है। इनकम का भी प्रमाण माना जाता है।