फ्ल‍िपकार्ट में डिलीवरी बॉय की नौकरी छोड़कर बनाई खुद की CABT लॉजिस्टिक्स कंपनी, आज हैं करोड़ों के मालिक, पढ़ें शैलेश कुमार की Success Story

आज हम आपको शैलेश कुमार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने कभी फ्लिपकार्ट में डिलीवरी बॉय की नौकरी की थी और आज वह करोड़ों की कंपनी के मालिक बन चुके हैं। आइए पढ़ते हैं विस्तार से...

Sanjucta Pandit
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Success Story of Shailesh Kumar : कहते हैं मन में अगर सफलता पाने की ठान ली हो तो कोई भी वस्तु का रास्ता नहीं रोक सकता। इसके लिए जज्बा होना बहुत जरूरी है। हम सभी जानते हैं सफलता की कहानी काफी कठिनाई और संघर्षों से भरी होती है। इस दौरान लोगों को चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। कई बार उन्हें मुंह की खानी पड़ती है, तो कई बार बहुत आसानी से कम समय में सफलता हासिल हो जाती है। ऐसी ही एक सक्सेस स्टोरी आज हम आपको शैलेश के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने कभी फ्लिपकार्ट में डिलीवरी बॉय की नौकरी की थी और आज वह करोड़ों की कंपनी के मालिक बन चुके हैं। आइए पढ़ते हैं विस्तार से…

फ्ल‍िपकार्ट में डिलीवरी बॉय की नौकरी छोड़कर बनाई खुद की CABT लॉजिस्टिक्स कंपनी, आज हैं करोड़ों के मालिक, पढ़ें शैलेश कुमार की Success Story

समस्तीपुर में हुआ जन्म

शैलेश कुमार का जन्म 1986 में बिहार के समस्तीपुर में हुआ था। एक छोटे से घर में पले-बढ़े शैलेश के परिवार में उनके माता-पिता और तीन भाई-बहन थे। उनके पिता की मासिक आय मात्र 1,400 रुपये थी, जो परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी काफी नहीं थी। शैलेश को बचपन से ही यह समझ में आ गया था कि शिक्षा ही उनके जीवन को बेहतर बनाने की एकमात्र कुंजी है। इसलिए उन्होंने अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और मेहनत के दम पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया। बता दें कि शैलेश कुमार भारतीय क्रिकेट टीम की 1983 की विश्व कप जीत की कहानियां सुनते हुए बड़े हुए। कपिल देव की अगुआई वाली इस टीम की कहानी ने उन्हें साहस और हिम्मत दी।

2011 में बीटेक की डिग्री की हासिल

अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद शैलेश IIT प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा चले गए। हालांकि, वह इस परीक्षा में सफल नहीं हो सके और निराश होकर वापस बिहार लौट आए, लेकिन तब भी उन्होंने हार नहीं मानी और अन्य इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी। वहीं, अपने पिता के कहने पर शैलेश ने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और 2011 में बीटेक की डिग्री हासिल की। उनकी अगली चुनौती ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) पास करना थी। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की। लेकिन दुर्भाग्य से उनके अंक और रैंक अच्छे नहीं थे, जिस कारण उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल सका। फिर भी उन्होंने निराशा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और नई दिशा में अपने करियर को संवारने का निर्णय लिया। कई छोटे-मोटे काम करने के बाद साल 2017 में शैलेश ने फ्लिपकार्ट जॉइन किया और एक डिलीवरी बॉय के रूप में काम करना शुरू किया।

बनाई खुद की कंपनी

फ्लिपकार्ट में काम करते हुए शैलेश ने लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के बारे जानकारी हासिल की और उसके 1 साल बाद यानी साल 2018 में अपनी खुद की कंपनी CABT लॉजिस्टिक्स की स्थापना की। शुरूआत में कंपनी ने फ्लिपकार्ट पर केंद्रित मॉडल को अपनाया, लेकिन जल्द ही उन्होंने अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए विभिन्न प्रकार के ग्राहकों की सेवा करना शुरू किया। शुरुआत में शैलेश को कई समस्याओं और असफलताओं का सामना करना पड़ा। कई बार उन्हें नाकामी का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। आर्थिक तंगी, मार्केट कॉम्पिटिशन के बावजूद उन्होंने कंपनी को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।

कंपनी का रेवेन्‍यू

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 में CABT लॉजिस्टिक्स का रेवेन्‍यू 1.7 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 159.22 करोड़ रुपये हो गया। शुरुआत दिनों में कंपनी केवल कुछ शहरों पर फोकस करती थी, लेकिन अब CABT का 23 राज्यों में विस्तार हो चुक है। कंपनी के पास 2,000 कर्मचारियों की एक मजबूत टीम है और यह 12,000 पिन कोड को कवर करते हुए एक विशाल नेटवर्क के साथ काम करती है। CABT को एक शीर्ष इंट्रा-सिटी लॉजिस्टिक्स फर्म के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा, कंपनी प्रतिदिन 20 लाख ऑर्डर संभालती है।


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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