जून में रेपो रेट में आरबीआई ने कटौती की थी। लेकिन अब तक लोन के ब्याज दरों में गिरावट का सिलसिला जारी है। देश के दो बड़े पब्लिक सेक्टर बैंकों ने एक बार फिर अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स बेस्ड लर्निंग रेट्स में यानी एमसीएलआर में कटौती की है। नई दरें 15 जुलाई से प्रभावी हो चुकी हैं। अब MCLR से लिंक्ड पर्सनल लोन, होम लोन और इत्यादि सस्ते होंगे ईएमआई का बोझ भी कम होगा।
ऐसी दरें जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दरों को निर्धारित करते हैं, उसे एमसीएलआर कहा जाता है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई और इंडियन ओवरसीज बैंक ने एक ही दिन अपने ग्राहकों को राहत दी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 50 बीपीएस यानि 0.50% तक की कटौती का ऐलान किया है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने दरों में 25 बीपीएस तक की कटौती की है।
इंडियन ओवरसीज बैंक (Loan Interest Rates)
एमसीएलआर में कटौती का फैसला IOB ने एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमिटी की बैठक के बाद उठाया है। संशोधन के बाद ओवरनाइट टेन्योर के लिए एमसीएलआर दरें 8.25 प्रतिशत से घटकर 8.15% हो चुकी है। वहीं एक महीने के टेन्योर के लिए दरें 8.50% नहीं बल्कि 8.40% होगा। 6 से एक साल की अवधि के लिए भी दरों में 10 आधार अंकों की कटौती की गई है। अब 6 महीने के टेन्योर के लिए रेट 8.55% है। 3 महीने के लिए दरें 8.80 प्रतिशत और 12 महीने के लिए 9 प्रतिशत है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
बदलाव के बाद ओवरनाइट और एक महीने के टेन्योर के लिए 8.20% से घटकर 7.95% हो चुकी है। तीन महीने के लिए अब मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट 8.5% नहीं बल्कि 8.35 प्रतिशत है। 6 महीने के टेन्योर के लिए लेंडिंग रेट 8.90% से घटकर 8.70% हो चुका है। एक साल के टेन्योर के लिए नई दरें 8.80 प्रतिशत, 2 साल के लिए 8.85% और 3 साल के लिए 8.90% है। बेस रेट 10.30% है, जो 15 जून 2025 से लागू हैं। बीपीएलआर 15.05% है।





