MamaEarth Success Story : मामाअर्थ आज भारत में एक प्रमुख ब्रांड बन गया है, जो टॉक्सिन मुक्त बेबी प्रोडक्ट्स और अन्य सौंदर्य उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। मात्र 6 साल में ही मामाअर्थ की पेरेंट कंपनी होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड (Honasa Consumer Private Limited) यूनिकॉर्न बन गई है, जिसका मतलब है कि कंपनी का मूल्यांकन एक बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। इसकी स्थापना 2016 में वरुण और गजल अलघ ने की थी। बता दें कि मामाअर्थ के सभी उत्पाद 100% टॉक्सिन मुक्त होते हैं, जिससे वे नवजात शिशुओं और बच्चों के लिए सुरक्षित होते हैं। इसके प्रोडक्ट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध हैं।
PU से की पढ़ाई
गजल अलघ ने साल 2010 में पंजाब यूनिवर्सिटी से इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीसीए की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट से इंटेंसिव कोर्स भी किया है और आईटी सेक्टर में कॉर्पोरेट ट्रेनर के रूप में काम किया है। वहीं, उनके पति वरुण अलघ ने हिंदुस्तान यूनिलीवर और इंफोसिस जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं। जब कंपनी बनाने का ख्याल दिमाग में आया तब वरुण कोका-कोला में सीनियर ब्रांड मैनेजर के पोस्ट थे। हालांकि, शुरूआत में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन दोनों ने हिम्मत नहीं हारी और जी-तोड़ मेहनत करते गए।
ऐसे आया आइडिया
दरअसल, मामाअर्थ की को-फाउंडर गजल अलघ को टॉक्सिन मुक्त बेबी प्रोडक्ट्स बनाने का विचार तब आया, जब उन्हें अपने बेटे के लिए देश में टॉक्सिन मुक्त प्रोडक्ट नहीं मिले। उन्हें विदेशों से टॉक्सिन मुक्त प्रोडक्ट मंगाने पड़ते थे। इस समस्या का समाधान करने के लिए, गजल ने अपने पति वरुण अलघ के साथ मिलकर 2016 में होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया, जिसका नाम उन्होंने मामाअर्थ रखा। बहुत ही कम समय में इसके प्रोडक्ट्स ने माता-पिता के बीच एक विश्वास बनाया और देखते-ही-देखते यह बहुत लोकप्रिय हो गया। होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड के तहत मामाअर्थ ने बेबी प्रोडक्ट्स के अलावा, स्किनकेयर, हेयरकेयर और पर्सनल केयर के अन्य प्रोडक्ट्स लॉन्च किए है। यह ब्रांड अब न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना चुका है।
1000 करोड़ पहुंचा कंपनी की रेवेन्यू
होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड को IPO लाने के लिए सेबी ने अगस्त 2023 में मंजूरी दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी का करीब 1000 करोड़ रुपये के करीब रेवेन्यू हो चुका है। बता दें कि कंपनी के पास खुद का रिसर्च लैब है, जहां प्रोडक्ट्स परीक्षण किए जाते हैं। इसके अलावा, ये प्रोडक्ट अमेरिका की Madesafe एजेंसी द्वारा भी परीक्षण किए जाते हैं।