देश में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही एक नया ट्रेंड भी देखने को मिला है – कम कमाई वाले लोगों की क्रेडिट कार्ड पर बढ़ती निर्भरता। एक नई स्टडी के मुताबिक, 50 हजार रुपये से कम कमाने वाले 93% सैलरीड लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब है कि ये लोग महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिए अब कैश की बजाय प्लास्टिक मनी यानी क्रेडिट कार्ड का सहारा ले रहे हैं।
BNPL भी बन रहा है लोगों की जरूरत
‘थिंक 360 डॉट एआई’ की इस स्टडी में बताया गया है कि न केवल क्रेडिट कार्ड, बल्कि ‘अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें’ (BNPL) सेवाओं का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ा है। स्टडी में कहा गया कि 18% स्वरोजगार करने वाले और 15% वेतनभोगी लोग BNPL सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनी के सीईओ अमित दास ने कहा कि अब भारत में क्रेडिट कार्ड और BNPL सिर्फ सुविधा नहीं, जरूरत बन चुके हैं, खासतौर पर कम आय वाले लोगों के लिए।
फिनटेक कंपनियां दे रही कर्ज, डिजिटल क्रांति को बढ़ावा
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में फिनटेक कंपनियों का असर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में फिनटेक कंपनियों ने 92,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का पर्सनल लोन बांटा, जो कुल नए कर्ज का 76% हिस्सा है। यह दर्शाता है कि डिजिटल लोन सिस्टम किस कदर मजबूत हो चुका है और लोग अब तेजी से इस ओर आकर्षित हो रहे हैं।
एसबीआई ने क्रेडिट कार्ड पर बदले नियम
इस बीच देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने अपने क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। इनमें मिनिमम अमाउंट ड्यू, प्रीमियम कार्ड पर मिलने वाला फ्री इंश्योरेंस और पेमेंट सेटलमेंट प्रक्रिया में बदलाव शामिल हैं। इन बदलावों का मकसद ग्राहकों को ज्यादा स्पष्टता और सुविधा देना है, लेकिन ग्राहकों को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर वो लोग जो कम आय में हर खर्च को कार्ड से मैनेज करते हैं।





