इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) के किसानों के लिए लहसुन का व्यापार घाटे का साबित हो रहा है। बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें लहसुन की बोरियों को किसान नदी में फेंकते नजर आए। यह वीडियो जमकर वायरल भी हो रहे हैं। इंदौर समेत प्रदेश की मंडियों में लहसुन का सही दाम ना मिलने के कारण किसान उसे छोड़कर जाना ही सही समझ रहे हैं। धार के बदनावर में घाटे से परेशान होकर किसानों ने गाँव के पास स्थित चामला नदी में 100 कटती लहसुन फेंक दिया है।
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किसानों का कहना है की इंदौर मंडी में उन्हें लहसुन के बदले भाड़े तक की कीमत नहीं मिल रही है। ऊपर से इसकी साफ-सफाई का खर्चा भी लग रहा है। बारिश के मौसम में लहसुन खराब भी हो रहे हैं, इसलिए किसान इन्हें फेकने को मजबूर हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इंदौर की मंडी में 20 क्विंटल लहसुन के लिए सिर्फ 2000 रुपये मिल रहे है। यानि प्रति एक किलो लहसुन के लिए 1 रुपये मिल रहे हैं।
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बता दें की 5-23 अगस्त के बीच राज्य की मंडियों में 2 लाख 50 हजार क्विंटल लहसुन आए थे। जिसमें से 1 लाख 90 हजार क्विंटल लहसुन की बिक्री 14 अगस्त से 23 तक हुई है। वहीं 5 अगस्त से 13 अगस्त के बीच सिर्फ 61 हजार क्विंटल लहसुन की बिक पाएं। मध्यप्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर लहसुन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। जहां रतलाम में 4 बड़े प्रदर्शन हुए वहीं उज्जैन में किसान कृषि मंत्री का पुतला दहन कर रहे हैं।
इतना ही नहीं देवास में 18 अगस्त को लहसुन की शवयात्रा तक निकाली गई। किसानों ने सरकार पर सही निर्यात और आयात की नीति ना लाने के आरोप लगाए हैं। 23 अगस्त को इंदौर मंडी में 4,497.49 क्विंटल लहसुन आए। यहाँ लहसुन की न्यूनतम रेट 238.00 क्विंटल रही। वहीं अधिकतम रेट 1,792 क्विंटल देखी गई है।