एक 340 पेज की रिपोर्ट ‘ Trends – Artificial Intelligence ’ में रिलायंस को टॉप 30 सबसे ज्यादा वैल्यू वाली पब्लिकली ट्रेडेड ग्लोबल टेक कंपनियों में जगह मिली। 216 बिलियन डॉलर (करीब 18.22 लाख करोड़ रुपये) के मार्केट कैप के साथ रिलायंस 23वें नंबर पर है।
इस लिस्ट में टॉप 8 पोजीशन्स पर अमेरिकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, एपल, अमेजन, अल्फाबेट, मेटा, टेस्ला, और ब्रॉडकॉम हैं, जबकि ताइवान की TSMC 9वें और चीन की टेनसेंट 10वें स्थान पर हैं। रिलायंस ने टेलिकॉम (Jio), रिटेल, और एनर्जी सेगमेंट में इनोवेशन के दम पर ये मुकाम हासिल किया। AI टेक्नोलॉजी पर रिलायंस का बढ़ता फोकस भी इसकी बड़ी वजह है, जिसमें डेटा सेंटर्स, नेटवर्किंग इंफ्रा, और एनर्जी सिस्टम्स में बड़ा निवेश शामिल है। AI को कस्टमर सपोर्ट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, और साइंटिफिक डिस्कवरी में इस्तेमाल कर रिलायंस ने ग्लोबल मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत की है। मुकेश की स्ट्रैटेजी ने भारत को टेक हब के तौर पर उभारा है।

रिलायंस का AI और टेक में दम
Jio के 5G नेटवर्क और डिजिटल सर्विसेज ने रिलायंस को टेलिकॉम में लीडर बनाया, तो रिलायंस रिटेल ने डिजिटल कॉमर्स में धमाल मचाया। AI को कस्टमर सपोर्ट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, और एनर्जी सॉल्यूशंस में इंटीग्रेट कर रिलायंस ने इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स सेट किए। नए डेटा सेंटर्स और नेटवर्किंग इंफ्रा में निवेश ने इसकी ग्रोथ को बूस्ट दिया। 216 बिलियन डॉलर का मार्केट कैप दिखाता है कि रिलायंस अब ग्लोबल टेक दिग्गजों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। क्या आपको लगता है कि AI में रिलायंस का यह फोकस भारत को टेक लीडर बनाएगा?
ग्लोबल टेक दिग्गजों से टक्कर
टॉप 30 लिस्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज 23वें स्थान पर है, लेकिन टॉप 10 में ज्यादातर अमेरिकी कंपनियाँ हैं। माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, और एपल जैसे दिग्गजों का मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है, जबकि रिलायंस का 216 बिलियन डॉलर है। फिर भी, भारत की एकमात्र कंपनी के तौर पर रिलायंस का यह मुकाम बड़ी बात है। ताइवान की TSMC और चीन की टेनसेंट के बाद रिलायंस का नंबर आता है, जो एशिया की टॉप टेक कंपनियों में इसकी मजबूत पोजीशन दिखाता है। रिलायंस की सस्टेनेबल एनर्जी और डिजिटल इकोसिस्टम स्ट्रैटेजी इसे अलग बनाती है। क्या आपको लगता है कि रिलायंस जल्द ही टॉप 20 में जगह बना पाएगी?