रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस नाम का ट्रेडमार्क हासिल करने के लिए आवेदन कर दिया। ये स्ट्राइक पहलगाम में 22 अप्रैल के आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। रिलायंस का ये कदम चर्चा में है, क्योंकि ट्रेडमार्क मिलने पर वो इस नाम से फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, या इवेंट बना सकती है।
क्लास 41 के तहत दाखिल ये आवेदन एंटरटेनमेंट और कल्चरल एक्टिविटीज के लिए है। रिलायंस के अलावा तीन और लोगों ने इस नाम के लिए आवेदन किया है, जिससे ट्रेडमार्क की रेस और दिलचस्प हो गई है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे रिलायंस की तेज़ी की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे जल्दबाज़ी बता रहे हैं।

ट्रेडमार्क की रेस में रिलायंस के साथ तीन और दावेदार
रिलायंस ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए ट्रेडमार्क आवेदन किया, लेकिन मुकेश चेतराम अग्रवाल, रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबेर, और आलोक कोठारी भी इस रेस में हैं। भारतीय ट्रेडमार्क रजिस्ट्री अब इन आवेदनों की जाँच करेगी, जिसमें महीनों लग सकते हैं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहले आवेदन करने वाले या सबसे मज़बूत दावे को प्रायोरिटी मिलेगी। अगर रिलायंस को ट्रेडमार्क मिला, तो वो एंटरटेनमेंट में इस नाम का एक्सक्लूसिव यूज़ कर सकेगी। सोशल मिडिया पर कुछ यूज़र्स ने इसे रिलायंस की बिज़नेस चालाकी बताया, तो कुछ ने सवाल उठाए कि क्या ये सही वक्त है।
मिलिट्री स्ट्राइक पर फिल्म की संभावना
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सबसे बड़ी मिलिट्री स्ट्राइक्स में से एक है, जिसमें 100 से ज़्यादा आतंकी मारे गए। रिलायंस की जियो स्टूडियोज़ और वायकॉम18 इस नाम से फिल्म या डॉक्यूमेंट्री बना सकती हैं। क्लास 41 ट्रेडमार्क में फिल्म प्रोडक्शन, इवेंट्स, और एजुकेशनल प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। रिलायंस का डिज्नी के साथ पार्टनरशिप और नेटवर्क18 का मीडिया नेटवर्क इसे बड़ा प्लेटफॉर्म देता है। क्रिटिक्स का कहना है कि ये स्ट्राइक, जिसमें बेंगलुरु के स्काईस्ट्राइकर ड्रोन्स यूज़ हुए, सिनेमाई कहानी के लिए परफेक्ट है।