MP Breaking News
Sat, Dec 20, 2025

मुकेश और ईशा अंबानी का सिर दर्द बना यह बिज़नेस!, भारत में फेल होने की वजह हाई प्राइस और लिमिटेड चॉइस

Written by:Ronak Namdev
Published:
Last Updated:
मुकेश अंबानी और ईशा अंबानी की रिलायंस रिटेल ने शीन को भारत में दोबारा लॉन्च किया, लेकिन हाई प्राइस और कम वैरायटी के चलते ये फेल हो रहा है। अमेजन और वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट से मुकाबला करने की कोशिश में रिलायंस को बड़ा चैलेंज मिला है। आइए, जानते हैं इसकी पूरी डिटेल।
मुकेश और ईशा अंबानी का सिर दर्द बना यह बिज़नेस!, भारत में फेल होने की वजह हाई प्राइस और लिमिटेड चॉइस

रिलायंस रिटेल ने फरवरी 2025 में शीन को भारत में दोबारा लॉन्च किया, लेकिन हाई प्राइस और लिमिटेड प्रोडक्ट्स की वजह से ये मार्केट में पकड़ नहीं बना पाया। ईशा अंबानी की लीडरशिप में रिलायंस ने शीन की AI टेक्नोलॉजी का यूज करने की कोशिश की, मगर कस्टमर्स को पुराना शीन वाला सस्ता और ट्रेंडी ऑप्शन नहीं मिला। अमेजन और फ्लिपकार्ट की स्ट्रॉन्ग प्रजेंस ने रिलायंस के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

रिलायंस का ये बेट अब फेल होता दिख रहा है। शीन की न्यू ऐप में प्राइस ज्यादा और चॉइस कम होने से कस्टमर्स नाराज हैं। पहले शीन सस्ते और ट्रेंडी कपड़ों के लिए फेमस था, लेकिन अब रिलायंस के कंट्रोल में ये चीनी प्रोडक्ट्स की जगह लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस कर रहा है। इससे कीमतें बढ़ गई हैं। अमेजन और वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट, जो 60% ई-कॉमर्स मार्केट कंट्रोल करते हैं, ने रिलायंस के लिए चैलेंज बढ़ा दिया है।

रिलायंस की बड़ी बेट क्यों फेल हुई

फरवरी 2025 में ईशा अंबानी की लीडरशिप में रिलायंस रिटेल ने शीन को भारत में दोबारा लॉन्च किया। 2020 में भारत-चीन टेंशन के चलते शीन ऐप बैन हो गया था। इस बार रिलायंस ने शीन को टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया, जिसमें सारी ऑपरेशंस और डेटा रिलायंस के पास हैं। लेकिन कस्टमर्स का रिव्यू बता रहा है कि न्यू शीन पुराने वाले जितना सस्ता और वैरायटी से भरा नहीं है। ड्रेसेस 199 रुपये से शुरू होने के बावजूद, हाई प्राइस और कम ऑप्शंस ने यूजर्स को निराश किया। गूगल प्ले और ऐपल ऐप स्टोर पर रिव्यूज में ये बात साफ दिखती है। रिलायंस ने शीन की AI और इन्वेंट्री सिस्टम से मार्केट शेयर बढ़ाने की उम्मीद की थी, लेकिन ये प्लान काम नहीं कर रहा।

अमेजन और फ्लिपकार्ट का मार्केट में दबदबा

भारत का ई-कॉमर्स मार्केट 2030 तक 345 बिलियन डॉलर का होने वाला है, जिसमें अमेजन और वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट का 60% शेयर है। रिलायंस रिटेल, जो भारत का सबसे बड़ा रिटेलर है, ने शीन के जरिए इस मार्केट में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश की। लेकिन फ्लिपकार्ट की मिंत्रा और अमेजन की फास्ट डिलीवरी और सस्ते प्राइस ने रिलायंस को पीछे रखा। शीन की री-एंट्री में रिलायंस ने लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस किया, जिससे प्रोडक्ट्स की कीमत बढ़ गई। पहले शीन चीनी कपड़ों के लिए फेमस था, जो सस्ते और ट्रेंडी थे। अब लोकल प्रोडक्शन और गवर्नमेंट रेगुलेशंस की वजह से शीन का पुराना चार्म गायब है, जिसने रिलायंस की स्ट्रैटेजी को झटका दिया।

रिलायंस की स्ट्रैटेजी और गवर्नमेंट रेगुलेशंस

रिलायंस ने शीन को लॉन्च करने के लिए सख्त गवर्नमेंट रेगुलेशंस फॉलो किए। 2020 में शीन समेत 300 से ज्यादा चीनी ऐप्स बैन हुए थे। इस बार रिलायंस ने सुनिश्चित किया कि सारा डेटा भारत में स्टोर हो और शीन को उसकी एक्सेस न मिले। गवर्नमेंट ने IT और होम मिनिस्ट्री की चेकिंग के बाद इस डील को अप्रूव किया। रिलायंस ने लोकल MSMEs और फैक्ट्रियों से प्रोडक्शन करवाया, ताकि भारत का टेक्सटाइल सेक्टर बूस्ट हो। लेकिन इस लोकल अप्रोच ने प्रोडक्ट्स की कीमत बढ़ा दी, जिससे कस्टमर्स पुराने सस्ते शीन की तुलना में निराश हुए। रिलायंस की ये स्ट्रैटेजी अब तक मार्केट में वो इम्पैक्ट नहीं बना पाई, जो ईशा और मुकेश अंबानी ने सोचा था।