Mutual Fund Rules: मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया है। इस संबंध में सेबी ने सोमवार को एक सर्कुलर जारी किया है। जिसके मुताबिक एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को प्रतिभूतियों में फ्रंट रनिंग और इन्साइडर ट्रेडिंग की पहचान और रोकथाम के लिए नया संस्थागत तंत्र तैयार किया जाएगा।
कंपनियों को स्थापित करना होगा संस्थागत तंत्र
संस्थागत तंत्र को सही से प्रभावशाली बनाने की जिम्मेदारी कंपनी के सीईओ और मुख्य अनुपालन अधिकारी की होगी। इसके अलावा एएमसी कंपनियों को इस इंस्टीट्यूशनल सिस्टम स्थापित करने के लिए स्किल तय भी करना होगा। व्हिसल ब्लोअर सिस्टम स्थापित करने का निर्देश भी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को दिया गया है।
गड़बड़ी को सख्ती से निपटाने का निर्देश
मार्केट रेगुलेटर ने एएमसी को कर्मचारियों और संबंधित संस्थाओं द्वारा संभावित बाजार दुरोपयोग के मामले में पॉलिसी बनानी होगी और कार्रवाई भी करनी होगी। किसी भी गड़बड़ी के मामले को कंपनियां सख्ती से निपटान करेंगी। इसमें व्यक्ति या संस्था का निलंबन भी शामिल है।
फंड हाउस द्वारा स्थापित इस तंत्र के जरिए संदिग्ध गतिविधियों का अलर्ट अपने आप उत्पन्न होगी। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को इन अलर्ट पर टिप्पणी और की गई कार्रवाई की सूची सेबी को दी जाने वाली अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट में दर्ज करनी होगी।
सभी म्यूचुअल फंड हाउस को सर्कुलर जारी
नए नियमों को लेकर सेबी से सभी म्यूचुअल फंड और एएमसी, AMFI, स्टॉक एक्सचेंज और डिपॉजिटरी को सर्कुलर जारी किया गया है। जिसका पालन अनिवार्य होगा। नए नियम 1 नवंबर, 2024 से प्रभावी होंगे।
क्या है फ्रंट रनिंग और इन्साइडर ट्रेडिंग?