आईपीओ के सेक्टर में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि 2025 देश के लिए सर्वश्रेष्ठ सालों में से एक रहा है। वहीं अब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत के NSE ने 47,000 करोड़ रुपए के फंड ऑफर के साथ ग्लोबल आईपीओ की लिस्ट में चौथा पायदान हासिल किया है। जबकि इश्यू की संख्या के लिहाज से देखा जाए तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 73 आईपीओ के साथ शीर्ष पर रहा है। इसके बाद इस लिस्ट में नैस्डैक 66 आईपीओ के साथ दूसरे स्थान पर रहा है।
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में पहली छमाही में आईपीओ के जरिए कुल 5.31 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए। यह आंकड़ा बेहद ही बड़ा है और ग्लोबल आईपीओ संख्या में पहले नंबर पर आना भारत के लिए गर्व की बात है।
ग्लोबल आंकड़ों में जुटाए गए 5.31 लाख करोड़
ग्लोबल आंकड़ों में जुटाए गए 5.31 लाख करोड़ रुपए में NSE का 9% हिस्सा रहा है। हालांकि इस मामले में NSE, नैस्डैक ग्लोबल मार्केट, NYSE और नैस्डैक ग्लोबल सिलेक्ट मार्केट से पीछे है। इन मार्केट्स में 2.5 लाख करोड़ रुपए जुटे, जो कुल राशि का लगभग 47% हिस्सा है। दरअसल एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की मानें तो 2025 की पहली छमाही के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कुल 119 आईपीओ ने दस्तक दी है। इन आईपीओ से 51,150 करोड़ रुपए जुटाए गए। हालांकि 2024 के मुकाबले यह फिर भी कम है। बीते वर्ष इस समय में कुल 157 आईपीओ के चलते कुल 37,682 करोड़ रुपए की रकम जुटाई गई थी। ऐसे में 2025 में यह आंकड़ा 24% कम रहा।
कैसा रहा था साल 2024
हालांकि इस आंकड़े में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह राशि के मुकाबले 36% ज्यादा रहा है। 2024 में आईपीओ लिस्टिंग के जरिए कुल 1.7 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए। भारतीय एक्सचेंज ने 2024 में 333 नई लिस्टिंग के जरिए पैसा जुटाया था, लेकिन 2025 आईपीओ के हिसाब से बेहद ही शानदार रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी दूसरी छमाही में भी आईपीओ में यही मार्केट ट्रेंड देखने को मिल सकता है। बता दें कि आईपीओ का मतलब होता है इनिशियल पब्लिक ऑफर। यह कंपनी द्वारा लोगों को शेयर्स प्रदान करने की एक प्रक्रिया होती है। कंपनियां अपना कारोबार बढ़ाने के लिए लोगों से पैसा जुटाती हैं। ये कंपनियां बाजार में कर्ज लेने के बजाय यह रास्ता चुनती हैं।





