MP Breaking News
Sat, Dec 20, 2025

क्या नॉमिनी संपत्ति का हकदार माना जाता है? क्या कहता है कानून? सच जानकर चौंक जाएंगे आप!

Written by:Rishabh Namdev
Published:
क्या आपको भी लगता है कि नॉमिनी ही संपत्ति का मालिक होता है? क्या फॉर्म में नाम लिखे जाने से वह मालिक बन जाता है? अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आप गलत हैं। चलिए जानते हैं कि कानून के हिसाब से असली हकदार कौन होता है।
क्या नॉमिनी संपत्ति का हकदार माना जाता है? क्या कहता है कानून? सच जानकर चौंक जाएंगे आप!

आपने कई बार अपने बैंक अकाउंट या प्रॉपर्टी में किसी को नॉमिनी बनाया होगा या आप खुद नॉमिनी बने होंगे। लेकिन क्या आपने यह सोचा है कि नॉमिनी उस संपत्ति का अधिकारी बन जाता है, जिस संपत्ति पर किसी व्यक्ति ने उसे नॉमिनी बनाया था और उसका निधन हो गया? दरअसल, अक्सर जब किसी व्यक्ति का निधन होता है तो परिवार वाले यह उम्मीद करते हैं कि जो उनकी जमा पूंजी है बीमा, पीएफ, एफडी या बैंक अकाउंट में जो राशि है वह नॉमिनी के पास चली जाएगी। लेकिन सच्चाई बहुत कम लोग जानते हैं।

यह समझना जरूरी है कि क्या ऐसी स्थिति में नॉमिनी बनने से वह व्यक्ति कानूनी रूप से भी संपत्ति का हकदार बन जाता है या नहीं। अगर आपके मन में भी यह सवाल कभी आया है तो आज हम आपको इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं। चलिए समझते हैं कि कानून इसे लेकर क्या कहता है।

जानिए क्या कहता है कानून?

कानून के मुताबिक यह बिल्कुल स्पष्ट है इंश्योरेंस एक्ट की धारा 39(7) के तहत यह बीमा कंपनी का दायित्व है कि वह बीमा राशि उस व्यक्ति को दे जिसे मृतक ने वैध रूप से नॉमिनी बनाया है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उस राशि पर पूरा अधिकार नॉमिनी का हो जाता है। दरअसल, कानून के मुताबिक नॉमिनी उस राशि को मृतक के कानूनी वारिसों के लिए एक ट्रस्टी के रूप में रखता है।

आसान भाषा में समझिए

एक उदाहरण से समझें तो अगर किसी हिंदू पुरुष की मृत्यु हो जाती है और मृत्यु से पहले उसने वसीयत नहीं लिखी है, तो उसकी संपत्ति ‘क्लास I’ के अनुसार बंटेगी जिसमें उसकी मां, पत्नी और बच्चों के बीच बंटवारा होगा। लेकिन अगर नॉमिनी बनाया गया है और नॉमिनी इन वारिसों को हकदार मानने से इनकार कर दे, तो यह कानूनी वारिस अदालत में जाकर न्याय भी प्राप्त कर सकते हैं।

दरअसल, हाल ही में एक मामला ऐसा सामने आया था। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी वर्ष इलाहाबाद कोर्ट ने इस प्रकार के एक मामले में सुनवाई की थी, जिसमें कहा गया था कि बीमा राशि पर नॉमिनी का मालिकाना हक नहीं होता है। अगर वह कानूनी वारिसों को पैसा देने से इनकार कर देता है, तो वारिस इसे लेकर अदालत में दावा भी कर सकते हैं।

फिर क्यों बनाया जाता है नॉमिनी?

अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर नॉमिनी का महत्व क्या है, तो नॉमिनी को अन्य वारिसों जितनी ही प्राथमिकता दी जाती है। नॉमिनी का अर्थ है कि वह उस संपत्ति का पहला प्राप्तकर्ता बन जाता है, जिससे पैसा या संपत्ति गलत हाथों में जाने से बच जाती है।