भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) होने के बाद दोनों देशों के कारोबार में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। इस डील से बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ-साथ स्थानीय व्यापारियों और किसानों को भी फायदा होगा। टैरिफ हटने से ब्रिटेन में भारतीय सामान सस्ते दामों में पहुंच सकेंगे, वहीं भारत में ब्रिटिश कंपनियों को भी नया बाजार मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस डील के ज़रिए 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 120 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए, जो अभी करीब 56 अरब डॉलर है।
भारतीय खाने-पीने के सामान की होगी खूब डिमांड
इस डील से भारतीय खाद्य और कृषि उत्पादों को ब्रिटेन में बड़ा मौका मिलेगा। अब कटहल, बाजरा, दालें, हल्दी, काली मिर्च, इलायची, फल और सब्जियां बिना किसी सीमा शुल्क (ड्यूटी) के ब्रिटेन भेजे जा सकेंगे। खास बात यह है कि इससे भारत के 23 अरब डॉलर के नए अवसर खुल सकते हैं। कोल्हापुरी चप्पल, गोवा की फेनी, बासमती चावल, मैंगो पल्प और ऑर्गेनिक हर्ब्स जैसे उत्पाद ब्रिटेन में और अधिक लोकप्रिय बन सकते हैं।
भारत के पारंपरिक ड्रिंक्स की एंट्री ब्रिटिश पब में
इस फ्री ट्रेड डील के बाद भारत के पारंपरिक मादक पेय पदार्थों को भी ब्रिटेन में मान्यता मिलने की संभावना है। अब गोवा की फेनी, नासिक की वाइन और केरल की ताड़ी (टोडी) ब्रिटिश पब और रेस्तरां में उपलब्ध हो सकती हैं। सरकार का उद्देश्य है कि साल 2030 तक भारत से मादक पेयों का निर्यात बढ़ाकर 1 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए। अभी यह आंकड़ा लगभग 370.5 मिलियन डॉलर (करीब 2,200 करोड़ रुपये) है।
समुद्री उत्पादों से लेकर मसालों तक की विदेशों में एंट्री
FTA से मत्स्य पालन और समुद्री उत्पादों के व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से मछली और समुद्री उत्पाद ब्रिटेन के बाजार में आसानी से भेजे जा सकेंगे। इसी तरह, महाराष्ट्र से अंगूर और प्याज, गुजरात से मूंगफली और कपास, पंजाब और हरियाणा से बासमती चावल और केरल व पूर्वोत्तर राज्यों से मसाले और फल का निर्यात भी बढ़ेगा।





