बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव, 15 बैंकों का होगा विलय, सरकार ने दी “एक राज्य-एक आरआरबी” को मंजूरी, 1 मई से होगा लागू 

केंद्र सरकार ने "One State-One RRB" को मंजूरी दे दी है। 15 बैंकों का मर्जर होने जा रहा है। एमपी में दो आरआरबी का विलय हुआ है।

One State One RRB: भारत के बैंकिंग सेक्टर नें बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एकीकरण हो जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नोटिफिकेशन जारी किया है। “एक राज्य-एक आरआरबी” को केंद्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी है, जो 1 मई 2025 से प्रभावी होगा।

वर्तमान में 43 आरआरबी देशभर के 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित होते हैं। इस फैसले के बाद देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 हो जाएगी। 700 जिले में 22000 से अधिक ब्रांच होंगे।

MP

राजपत्र अधिसूचना के मुताबिक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1976 की धाता 23 ए(1) के तहत प्रदत शक्तियों के अनुरूप  आरआरबी एक एकल इकाई में विलय में हो जाएंगे। उन्हें अपनी संपत्तियों, अधिकारी, शक्तियां, दायित्व और कर्तव्य विरासत में मिलेंगे। सरकार ने यह कदम ग्रामिल बैंकों की दक्षता में सुधार करने के लिए उठाया है। नए स्ट्रक्चर का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बिवह प्रतिस्पर्धा को कम करना भी है। कई बैंकों के विलय से एक मजबूत क्षेत्रीय संस्थाओं का निर्माण होगा।

11 राज्यों में होगा बैंकों का विलय

आंध्र प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, महाराष्ट्र और राजस्थान में बैंकों का एक यूनिट में मर्जर होगा। यूपी और पश्चिक बंगाल के मामले में 3 आरआरबी का विलय एक में किया गया है। उत्तर प्रदेश में बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी  ग्रामीण बैंक को मिलाकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया गया है, जिसका हेडक्वाटर बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रयोजन के तहत लखनऊ में होगा।

एमपी समेत इन 8 राज्यों में दो आरआरबी का विलय 

मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और ओडिशा में दो आरआरबी को मिलाकर एक कर दिया गया है। एमपी में बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई द्वारा प्रायोजित मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक और मध्यांचल ग्रामीण बैंक को मिलाकर ग्रामीण बैंक मध्यप्रदेश बनाया गया है। जिसका हेडक्वाटर इंदौर में होगा। वहीं स्पॉन्सर बैंक ऑफ इंडिया होगा।

doc202548536401

About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News