Pension Plan: एक हाउसवाइफ की सारी ज़िंदगी बिना किसी वेतन के सारी ज़िंदगी बच्चे, घर और परिवार का ख्याल रखती है। साथ ही वित्तीय रूप से अपने पति पर निर्भर होती है। हालांकि हाउसवाइफ कभी रिटायर नहीं होती, लेकिन उम्र के बाद उनका शरीर ज्यादा काम करने में असक्षम हो जाता है। बुढ़ापे में उन्होनें अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पति या बच्चों पर निर्भर होना पड़ता है। लेकिन महिलायें 60 वर्ष के उम्र के बाद मंथली पेंशन का लाभ उठा सकती हैं। इसमें आपकी मदद भारत सरकार की नेशनल पेंशन सिस्टम करेगी।
योजना के बारे में
एनपीएस को सुरक्षित निवेश और रिटर्न की गारंटी के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है। स्कीम के जरिए हाउवाइफ अपने पति की गैर-मौजूदगी में भी आत्मनिर्भर रहकर जीवन व्यतीत कर सकती हैं। इसमें अच्छा रिटर्न भी मिलता है। महिलायें अपने खाते तो एक से दूसरे शहर में ट्रांसफर कर सकती हैं। इतना ही नहीं मैच्योरिटी की राशि और रिटर्न टैक्स फ्री होता है। 18 वर्ष से 60 वर्ष आयुवर्ष की महिलायें इसका लाभ उठा सकती हैं।
ये है कैलकुलेशन
पेंशन की राशि निवेश पर निर्भर करती है। स्कीम के तहत यदि महिलायें 25 वर्ष की उम्र में निवेश शुरू करती हैं। और हर महीने 15,000 रुपये जमा करती हैं। तो 60 साल की उम्र तक करीब 1.12 करोड़ रुपये का फंड बन जाता है, जिसमें 10% एनुअल रिटर्न भी शामिल है। मैच्योरिटी के वक्त आपको एकमुश्त 45 लाख रुपये और हर महीने 45 हजार रुपये तक की पेंशन मिलेगी।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल समान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं देता।)