केंद्र सरकार ने किसानों की भलाई के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana) को मंजूरी दे दी है। यह योजना अगले 6 साल तक चलेगी और देश के 100 जिलों में लागू की जाएगी। इसके लिए हर साल 24,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
इस योजना का मकसद है –
किसानों को फसल कटाई के बाद भंडारण की बेहतर सुविधा देना
सिंचाई व्यवस्था को सुधारना
खेती की पैदावार को बढ़ाना
किसानों को आधुनिक और टिकाऊ खेती की ओर बढ़ाना
36 योजनाओं को मिलाकर बनेगी एक मजबूत स्कीम
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये योजना 36 मौजूदा स्कीमों को मिलाकर तैयार की जाएगी। यानी अब अलग-अलग योजनाओं की बजाय एक ही छत के नीचे किसानों को सारी सुविधाएं मिलेंगी। इससे सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक जल्दी पहुंचेगा। यह स्कीम फसल विविधीकरण और टिकाऊ खेती (Sustainable Farming) को भी बढ़ावा देगी, जिससे किसान एक ही फसल पर निर्भर नहीं रहेंगे।
कैसे मिलेगा किसानों को फायदा?
इस योजना से खासतौर पर छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे। सरकार उन्हें ऐसे साधन मुहैया कराएगी, जिससे वे-
अलग-अलग फसलें उगा सकें
भंडारण की सुविधा मिल सके
सिंचाई व्यवस्था बेहतर हो
सस्ता लोन मिल सके
पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण गोदाम बनाए जाएंगे ताकि कटाई के बाद फसल खराब न हो। इसके अलावा किसानों को खेती में निवेश करने के लिए सस्ता और आसान कर्ज मिलेगा। इससे उनकी उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी और आमदनी भी।
कितने किसानों को मिलेगा सीधा लाभ?
सरकार का मानना है कि इस योजना से करीब 1.7 करोड़ किसानों को सीधे फायदा मिलेगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और खेती को मुनाफे का धंधा बनाया जा सकेगा। यह योजना 2025 के बजट में घोषित की गई थी, लेकिन अब इसे कैबिनेट से हरी झंडी भी मिल चुकी है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में खेती को तकनीक से जोड़कर, किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाए।





