क्या सच में भारतीय लगने वाले ये पॉपुलर ब्रांड्स भारत के ही हैं? जानिए कौन-कौन सी कंपनियां आपको करती हैं कन्फ्यूज

बाटा, हॉर्लिक्स, मैगी और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे कई ब्रांड्स को हम सालों से भारतीय मानते आ रहे हैं, लेकिन इनका असली कनेक्शन विदेश से है। दरअसल इनका नाम भले ही देसी हो लेकिन जड़ें पूरी तरह से विदेशी ही हैं। चलिए जानते हैं उन ब्रांड्स के बारे में जिनकी सच्चाई आपको हैरान कर देगी।

आजकल लोग प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसका ब्रांड जरूर देखते हैं। कई बार ब्रांड का नाम भारतीय लगता है और हम मान लेते हैं कि वह ‘Made in India’ है। लेकिन कई ऐसे पॉपुलर ब्रांड्स हैं जो सालों से भारतीय बाजार में हैं, नाम से देसी लगते हैं, पर असल में ये विदेशी कंपनियों के हैं। दरअसल यही वजह है कि इन ब्रांड्स को लेकर लोगों में काफी कन्फ्यूजन रहता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे ही ब्रांड्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें अक्सर लोग इंडियन ही मानते हैं लेकिन ये विदेशी ब्रांड्स है।

Bata नहीं है भारतीय ब्रांड

दरअसल स्कूल के जूते हों या घरेलू चप्पलें, ‘बाटा’ का नाम हर किसी की यादों में दर्ज हो चुका है। लेकिन ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि बाटा असल में एक यूरोपियन कंपनी है। दरअसल इसकी शुरुआत 1894 में थॉमस बाटा ने चेकोस्लोवाकिया में की थी। वर्तमान में इसका हेड क्वाटर स्विट्ज़रलैंड में है। भारत में इसकी पकड़ इतनी मज़बूत है कि यह देसी ब्रांड जैसा महसूस होता है। लेकिन सच यह है कि यह पूरी तरह विदेशी ब्रांड है जिसने भारतीय बाज़ार के मुताबिक खुद को ढाल लिया है।

हॉर्लिक्स (Horlicks) भी भारतीय नहीं

वहीं 1873 में ब्रिटेन में दो भाईयों ने हॉर्लिक्स की शुरुआत की थी। बाद में इसे ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन ने खरीदा और अब ये यूनिलीवर ग्रुप का हिस्सा है। भारत में इसे अक्सर घरेलू और देसी ब्रांड समझा जाता है। जब भी हॉर्लिक्स खरीदते हैं तो हम सोचते हैं कि यह इंडियन ब्रांड है लेकिन यह असल में विदेशी है।

हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) भी विदेशी

दरअसल नाम में ‘हिंदुस्तान’ देखकर लगता है कि यह देशी कंपनी है, लेकिन ये असल में यूनिलीवर नाम की ब्रिटिश मल्टीनेशनल कंपनी की भारतीय शाखा है। इसका मुख्य कंट्रोल और पॉलिसी यूनाइटेड किंगडम से तय होता है।

मैगी (Maggi) भी विदेशी कंपनी

वहीं इतना ही नहीं भारत की सबसे फेमस इंस्टैंट नूडल ब्रांड मैगी असल में स्विट्ज़रलैंड की मशहूर कंपनी Nestlé का प्रॉडक्ट है। भारत में इसकी लोकप्रियता इतनी है कि लोग इसे अपना समझते हैं, लेकिन इसकी जड़ें पूरी तरह विदेशी हैं।


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Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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