Mon, Dec 29, 2025

त्योहारों से पहले आसमान पर पहुंचे खाद्य तेलों के दाम, इतनी बढ़ी कीमतें, महंगाई की मार से आमजन परेशान

Written by:Rishabh Namdev
Published:
महंगाई का मुद्दा हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। वहीं अब त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले ही देश में खाद्य तेलों की कीमत आसमान पर पहुंच गई है।
त्योहारों से पहले आसमान पर पहुंचे खाद्य तेलों के दाम, इतनी बढ़ी कीमतें, महंगाई की मार से आमजन परेशान

देश में त्योहारी सीजन शुरू होने को है। लेकिन इससे पहले ही खाद्य तेलों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने आम जनता के रसोई का बजट प्रभावित कर दिया है। दरअसल सरकार के द्वारा लिए गए खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने के निर्णय के बाद अब देश में सरसों, सूरजमुखी और पाम तेल के दामों में भी अचानक उछाल देखने को मिला है।

दरअसल सरसों तेल की कीमतों में बीते महीने 26% से अधिक की तेजी दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार 25 अगस्त 2024 को सरसों तेल का मूल्य 139 रुपये प्रति किलो था, जो अब बढ़कर 151.85 रुपये प्रति किलो हो गया है। इतना ही नहीं इसी तरह, पाम ऑयल और सूरजमुखी तेल की दरें भी लगभग 14% और 8% तक बढ़ चुकी हैं।

176 रुपये प्रति किलो तक पहुंची कीमत?

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के प्राइस मॉनिटरिंग डिविजन के अनुसार तेल की कीमत में बड़ा उछाल आया है। जानकारी के अनुसार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। बता दें कि सरसों तेल की कीमतें 26.61% बढ़कर 176 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। इसके साथ ही, सूरजमुखी और पाम ऑयल की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली है, जिससे उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं।

अन्य तेलों की कीमतों में भी तेजी

इसके साथ ही आंकड़ों के अनुसार अन्य तेलों की कीमतों में भी तेजी दिखाई दे रही है। दरअसल सूरजमुखी तेल की कीमत 119.38 रुपये से बढ़कर 129.88 रुपये प्रति किलो, जबकि पाम ऑयल 98.28 रुपये से बढ़कर 112.2 रुपये प्रति किलो तक हो चुकी है। जबकि, मुख्य रूप से उपयोग में आने वाला सोया तेल की बात की जाए तो इसकी की दरें भी 117.45 रुपये से बढ़कर लगभग 127.62 रुपये प्रति किलो हो गई हैं।

क्यों बढ़ रही कीमतें?

दरअसल तेलों कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह पर नजर डालें तो इसमें सरकार द्वारा खाने के तेल पर आयात शुल्क को 20% तक बढ़ाना बड़ी वजह मानी जा रही है, इसके साथ ही खाद्य तेलों पर भी यह शुल्क 12.5% से बढ़ाकर 32.5% कर दिया गया है। जिससे इन तेलों की कीमत में उछाल आया है। हालांकि सरकार द्वारा यह निर्णय घरेलू किसानों के हितों की रक्षा के लिए लिया गया है, लेकिन अब इससे आम जनता पर भी महंगाई का बोझ बढ़ रहा है।