Pulses Prices : दालों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल चना और अरहर जैसी दालों की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए, सरकार ने जमाखोरी पर लगाम कसने का निर्णय लिया है। इसके तहत अरहर और चना दाल पर स्टॉक सीमा लागू की गई है, जिससे जमाखोरी और सट्टेबाजी पर अंकुश लगाया जा सके और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दालें उपलब्ध कराई जा सकें।
कार्रवाई की वजह:
दरअसल उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों पर दालों की स्टॉक सीमा निर्धारित की गई है। वहीं इस कदम का मुख्य उद्देश्य जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकना और उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर अरहर और चना दाल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
स्टॉक सीमा की जानकारी:
जानकारी के अनुसार नए आदेश के तहत, थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन, वहीं खुदरा विक्रेताओं की बात करें तो इनके लिए 5 मीट्रिक टन, जबकि प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 मीट्रिक टन और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 मीट्रिक टन की सीमा निर्धारित सरकार की और से की गई है। वहीं उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता के 25 फीसदी में से जो भी अधिक हो मिल मालिकों के लिए स्टॉक सीमा उनके हिसाब से लागू होगी।
आदेश की समयावधि:
दरअसल यह स्टॉक सीमा 21 जून से लागू होकर 30 सितंबर 2024 तक प्रभावी रहेगी। यह आदेश अरहर, चना और काबुली चना पर लागू होता है। आयातकों को निर्देश दिया गया है कि वे तारीख से 45 दिनों से अधिक समय तक आयातित स्टॉक अपने पास नहीं रख सकते हैं।
स्टॉक जानकारी पोर्टल पर:
इसके साथ ही सभी संबंधित व्यापारियों, मिल के संचालकों और सभी आयातकों को नए आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। इसके लिए वे उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी देंगे। यदि उनके पास स्टॉक की सीमा से अधिक माल है, तो उन्हें 12 जुलाई 2024 तक इसे नई सीमा के तहत लाना होगा।