इन 4 बैंकों ने किया नियमों का उल्लंघन, RBI ने कसा शिकंजा, ठोका भारी जुर्माना, कहीं इनमें आपका अकाउंट तो नहीं?

आरबीआई ने 4 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। किसी ने लोन तो किसी ने केवाईसी से संबंधित नियम तोड़े हैं। आइए जानें क्या कस्टमर्स पर इसका कोई असर पड़ेगा ?

जून में एक बार फिर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया का एक्शन सामने आया है। चार बैंकों पर आरबीआई ने मौद्रिक जुर्माना लगाया है, जो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में स्थित हैं। इस कार्रवाई की जानकारी आरबीआई ने 26 जून को दी है। सभी बैंकों को नोटिस भी जारी किया गया था। यह कदम नियमों का सही से अनुपालन न करने पर उठाया गया है। सभी पर एक-एक लाख रुपये की पेनल्टी लगी है।

इस लिस्ट में द कर्नाटक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मु्द्देबिहाल, कर्नाटक, द चित्तूर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड (आंध्र प्रदेश), द करीमनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड (तेलंगाना) और द हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड (तेलंगाना) शामिल है। RBI और नाबार्ड द्वारा किए गए एक निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लंघन करने का खुलासा हुआ था। जिसके बाद कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। जांच आगे भी जारी रही। नोटिस पर मिले रिप्लाइ और अन्य प्रस्तुतियों के आधार पर पेनल्टी लगाने का फैसला लिया गया।

इन बैंकों ने तोड़े लोन से जुड़े नियम

तेलंगाना के द करीमनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड और द हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड ने निदेशकों के संबंधित लोन स्वीकृत किए। नाबार्ड द्वारा किए गए निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ था। आरबीआई ने बीआर एक्ट 1949 के तहत सेक्शन 47ए (1)(सी), सेक्शन 46(4)(आई) और 56 के तहत प्रदान की गई शक्तियों इस्तेमाल करते हुए मौद्रिक जुर्माना लगाया है।

केवाईसी से जुड़े नियम तोड़ने पर इन बैंकों पर हुई कार्रवाई

द कर्नाटक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मु्द्देबिहाल, कर्नाटक और द चित्तूर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड ने विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) और प्रतिपक्ष जोखिम सीमाओं का अनुपालन सही से नहीं किया। इसके अलावा निर्धारित समय सीमा के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर भी अपलोड करने में विफल हुआ।

क्या ग्राहकों पर पड़ेगा प्रभाव?

आरबीआई ने बैंकों के खिलाफ यह कार्रवाई नियमों का उल्लंघन पर की है। इससे ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेनदेन और एग्रीमेंट पहले की तरह ही जारी रहेंगे। इतना ही नहीं इस एक्शन से भविष्य में होने वाले आरबीआई के अन्य कार्रवाई पर भी इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News