RBI का सख्त रुख: इन 5 बैंकों पर गिरी गाज, नियम तोड़ने पर लगा मोटा जुर्माना 

आरबीआई ने फिर से सख्ती दिखाई है। 6 बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। नियमों का सही से अनुपालन न करने का आरोप है, जिसका खुलासा एक निरीक्षण के दौरान हुआ है। आइए जानें कहीं इनमें से किसी एक में आपका खाता तो नहीं?

दिवाली से पहले एक बार फिर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) का बड़ा एक्शन सामने आया है। एक साथ 5 सहकारी बैंकों पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। केवाईसी समेत अन्य बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने के आरोप है। यह कदम आरबीआई बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 47ए(1)(सी), धारा 46(4)(आई) और धारा 56 के तहत उठाया गया है। इस लिस्ट में बिहार के और  पश्चिम बंगाल के दो-दो और ओडिशा का एक बैंक शामिल है।

आरबीआई ने इस कार्रवाई की जानकारी 16 अक्टूबर गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है। 31 मार्च 2024 को बैंक के फाइनेंशियल स्टेटस को चेक करने के लिए एक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान पता चला कि बैंकों द्वारा कुछ दिशा निर्देशों का अनुपालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। नियमों के उल्लंघन का पता चलते ही आरबीआई ने सभी बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया। नोटिस पर आए रिप्लाई और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दी गई प्रस्तुतियों के आधार पर आरोपों की पुष्टि हुई। इसके बाद इन सभी बैंकों की पर पेनल्टी लगाने का फैसला लिया गया।

बिहार के दो बैंकों पर गिरी गाज

बिहार के द गोपालगंज सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 5.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर निर्धारित अवधि के भीतर अपलोड नहीं कर पाया है। साथ ही समय पर कुछ गैर बैंकिंग परिसंपत्तियों का निपटान भी नहीं कर पाया। बिहार के बेगूसराय में स्थित द बेगूसराय सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी केवाईसी रिकॉर्ड को सही समय पर CKYCR पर अपलोड नहीं पर पाया। इसलिए अब 1.40 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

पश्चिम बंगाल में 2 बैंक और एक कंपनी पर लगा जुर्माना

राणाघाट पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर सही समय के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड करने में विफल होने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। द घाटल पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड भी निर्धारित अवधि के भीतर कुछ गैर बैंकिंग परिसंपत्तियों का निपटान नहीं कर पाया। खातों के जोखिम वर्गीकरण किया अधिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिसका आवधिकता 6 महीने में एक बार कम से कम 6 महीने में एक बार होनी चाहिए थी। केवाईसी रिकॉर्ड को अपलोड नहीं कर पाया। आरोपों पुष्टि होने के बाद इसपर 5.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

पश्चिम बंगाल में सहारा हाउसिंगफिना कॉरपोरेशन लिमिटेड पर आरबीआई ने 50000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इसने भी निर्धारित समय सीमा के भीतर सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को अपलोड नहीं किया।

ओडिशा के इस बैंक पर लगा डंडा 

द बौध को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यहग्राहकों की लोन जानकारी तीन क्रेडिट सूचना कंपनियों में एक किसी एक को भी प्रस्तुत नहीं कर पाया। आरबीआई ने यह किया है कि इस कार्रवाई असर ग्राहकों और बैंकों के बीच हो रहे किसी लेनदेन या समझौते पर नहीं पड़ेगा।

यहाँ देखें आरबीआई का नोटिफिकेशन 

 


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