रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया मई में अब तक 20 से अधिक बैंकों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है। किसी का लाइसेंसस रद्द किया है तो किसी पर जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में एक और सरकारी बैंक शामिल हो चुका है। आरबीआई ने ओडिशा के अस्का में स्थित द अस्का सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर “सहकारी बैंकों द्वारा क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी के मेंबरशिप” से संबंधित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने बैंक के वित्तीय स्थिति के संदर्भ में 31 मार्च 2024 को एक निरीक्षण किया था। इस दौरान नियमों के अनुपालन में हो रहे खामियों का पता चला। जिसके बाद बैंक को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर प्राप्त प्रतिक्रिया और मौखिक-लिखित प्रस्तुतियों के बाद मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया।

इन नियमों का किया था उल्लंघन? (RBI Action)
यह सहकारी बैंक अपने ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी किसी भी क्रेडिट सूचना कंपनी को देने में विफल रहा। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी रेगुलेशन एक्ट 2005 के सेक्शन 25(1)(iii) और 23(4) के तहत प्रदान की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आरबीआई ने 10000 रुपये का जुर्माना बैंक पर लगाया है। इस संबंध में 20 मई 2025 को आदेश जारी किया है।
क्या ग्राहकों पर पड़ेगा प्रभाव?
आरबीआई की इस कार्रवाई का असर ग्राहकों और बैंकों के बीच हो रहे लेनदेन पर नहीं पड़ेगा। इस बात की पुष्टि खुद केंद्रीय बैंक ने की है। नोटिस में आरबीआई ने कहा कि, “यह एक्शन विनियामक कमियों पर आधारित है। इसका उद्देश्य कस्टमर्स और बैंक के बीच हो रहे किसी भी ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट पर प्रभाव डालना नहीं है।” इतना ही नहीं इसका असर भविष्य में होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की अन्य कार्रवाई पर भी नहीं पड़ेगा।
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