नियमों का सही से अनुपालन न करने पर आरबीआई ने जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड के खिलाफ सख्त (RBI Action) कदम उठाया है। बता दें कि भारत के पुराने बैंकों में से एक है। जिसकी स्थापना 1938 में हुई थी। वर्तमान में यह 1000 से ज्यादा ब्रांच और 1400 से अधिक एटीएम का संचालन करता है। केवाईसी से संबंधित नियमों का उल्लंघन होने पर आरबीआई ने इस बैंक पर 99.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस संबंध नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है।
31 मार्च 2024 को किए बैंक के वित्तीय स्थिति के संदर्भ में निरीक्षण किया गया था। इस दौरान यह पता चला कि बैंक नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा है। इसके बाद कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। नोटिस पर प्राप्त प्रतिक्रिया और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दी गई प्रस्तुतियों के आधार पर सभी आरोप सही पाए गए। इसके बाद पेनल्टी लगाने का फैसला आरबीआई ने लिया।
इन नियमों का पालन नहीं हुआ
बैंक ने कुछ शिकायतों को जिन्हें उसके इंटरनल शिकायत सिस्टम में अंशिका रूप से पूरी तरह से खारिज कर दिया था। इंटरनल ओम्बड्समैन पास आखिरी फैसले के लिए आगे नहीं बढ़ाया। बैंक ने अपने कस्टमर को उनकी शिकायतों के समाधान के बारे में फाइनल लेटर भी नहीं भेजा । इस तरह से यह पक्का करने में नाकाम रहा कि कस्टमर को उनके अधिकारों के बारे में पता हो कि अगर वह बैंक के जवाब से असंतुष्ट नहीं है तो वह ओम्बड्समैन से संपर्क कर सकते हैं।
बैंक ने तय सीमा के भीतर कुछ अकाउंट में योग्य रकम डिपॉजिट एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में भी ट्रांसफर नहीं किया। इसके अलावा बैंक के पास वीडियो बेस्ड कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रक्रिया में फेस मैचिंग टेक्नोलॉजी नहीं थी। जिसके कारण कस्टमर द्वारा जमा की गई आर्थिक और फाइनेंशियल प्रोफाइल जानकारी को कंफर्म करने में बैंक नाकाम रहा।
इन कंपनियों पर लगा जुर्माना
आरबीआई ने ट्रूहोम फाइनेंशियल लिमिटेड पर 3 लाख 10 हजार रुपये, कीर्तन फिनजर्व लिमिटेड पर 3.10 लाख रूपये और बंसल क्रेडिट लिमिटेड पर 6.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इन तीनों ने आरबीआई द्वारा जारी केवाईसी दिशा निर्देशों का सही से अनुपालन नहीं किया। ट्रूहोम फाइनेंशियल लिमिटेड परमानेंट अकाउंट नंबर या समकक्ष ई – डॉक्युमेंट या फॉर्म नंबर 60 कुछ लोन अकाउंट में प्राप्त नहीं कर पाया।
कीर्तन फिनजर्व लिमिटेड ने डायरेक्टर के अपॉइंटमेंट के दौरान आरबीआई से पूर्व लिखित अनुमति लेने में विफल रहा। जिसके कारण इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स को छोड़कर 30% से अधिक निर्देशक बदले गए। बंसल क्रेडिट लिमिटेड निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने कस्टमर के केवाईसी रिकॉर्ड को सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड नहीं कर पाया। न ही संदिग्ध ट्रांजैक्शन के आइडेंटिफिकेशन, मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग से संबंधित अलर्ट भेजने के लिए एक अच्छा सिस्टम डेवलप कर पाया।
क्या ग्राहकों पर असर पड़ेगा?
आरबीआई देश के सभी बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनिई को रेगुलेट करता है। नियमों का उल्लंघन होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है। जिसका उद्देश्य केवल बैंकिंग सेक्टर में ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है, न कि उन्हें परेशानी में डालना। इसलिए केंद्रीय बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई विनियामक नियमों में कमियों पर आधारित है। इसका असर कस्टमर और बैंक के बीच हो रहे किसी भी ट्रांजैक्शन या एग्रीमेंट पर नहीं पड़ेगा।





