रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अप्रैल में कई बड़े फैसले लिये हैं। कई बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों पर सख्ती दिखाई है। इस लिस्ट में 7 एनबीएससी शामिल हैं। इनमें से 6 का लाइसेंस यानि सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (CoR) रद्द कर दिया गया है, जो देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित थे। एक पर भारी मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। वहीं 11 एनबीएफसी ने अलग-अलग कारणों से खुद अपना सीओआर सरेंडर कर दिया है।
सीओआर कैंसिल होने के बाद इन कंपनियों को आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 45-आई के खंड (ए) के तहत गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान ने रूप में कारोबार जारी रखने की अनुमति नहीं है। इन्हें बंद कर दिया गया है।

एमपी के इन कंपनी का लाइसेंस रद्द
मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्ट नगर इंदौर में स्थित यूनीतारा फाइनेंस लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इसे आरबीआई ने सीओआर 20 फरवरी 1998 को जारी किया था। कंपनी को 24 मार्च से ही कारोबार बंद करने को कहा गया था।
इन कंपनियों का लाइसेंस भी कैंसिल
- थमिरापरानी इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु
- अरमुस्क इन्फ्रस्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु
- विश्वप्रिया फाइनेंस लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु
- मैट्रिक्स फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु
- वेलफिल सिक्योरिटीज लिमिटेड, अहमदाबाद, गुजरात
इस कंपनी पर लगा जुर्माना
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल लिमिटेड पर आरबीआई ने 71.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस संबंध में 25 अप्रैल को नोटिस जारी किया गया था। कंपनी ने कुछ ऋण आवेदन पत्रों में प्रसंस्करण शुल्क और अन्य शुल्कों का खुलासा करने में विफल रहा। ऋण समझौता की प्रितियां प्रस्तुत नहीं की और कुछ उधारकर्ताओं को स्वीकृति पत्रों में लोन का विवरण भी नहीं दिया। वाहनों की बिक्री या नीलामी से पहले कुछ उधारकर्ताओं को लोन चुकाने का अंतिम मौका भी नहीं दिया। प्रत्येक व्यक्तिगत ग्राहक के लिए एक विशेष ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी) के बजाय कुछ ग्राहकों को कई ग्राहक पहचान कोर्ट आवंटित किए। निरीक्षण के दौरान नियमों में उल्लंघन का पता चला। जिसके बाद केन्द्रीय बैंक ने पेनल्टी लगाने का फैसला लिया। हालांकि इसका असर ग्राहकों और कंपनी के बीच हो रहे लेनदेन पर नहीं पड़ेगा।
इन एनबीएफसी ने सरेंडर किया लाइसेंस
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