रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित का लाइसेंस रद्द कर दिया है। 22 अप्रैल से यह बैंक बंद हो जाएगा। इसी के साथ अप्रैल में अब तक तीन बैंक को आरबीआई ने बैंकिंग व्यवसाय रोकने करने का आदेश जारी किया है। इस कारवाई की जानकारी केन्द्रीय बैंक ने मंगलवार को दी है। साथ ही को-ऑपरेटिव सोसाइटीज महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार को बैंक के बंद होने और लिक्विडेटर के नियुक्ति से संबंधित आदेश जारी करने का आग्रह किया है।
यह कदम बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघ होने पर उठाया गया है। आरबीआई ने कहा, “यदि बैंकों बैंकिंग कारोबार जारी रखने की इजाजत दी गई तो जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।”

आखिरी क्यों उठाया आरबीआई ने यह कदम?
अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक मर्यादित के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की कोई संभावनाएं नहीं है। यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ 22 (3)(बी), 22 (3)(डी) और 22(3) (ई) के जरूरतों का अनुपालन भी नहीं कर पाया। यदि इसे जारी रहने की अनुमति दी जाती है तो जमाकर्ताओं के हितों के लिए यह हानिकारक साबित हो सकता है। अपनी वर्तमान स्थिति के साथ बैंक जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान भी नहीं कर सकता।
ग्राहकों पर भी पड़ेगा प्रभाव
लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक को जमा स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी। न ही यह डिपॉजिट का पुनर्भुगतान कर सकता है। इसके अलावा लोन और अन्य बैंकिंग ऑपरेशन की अनुमति भी नहीं होगी। हालांकि ग्राहकों को डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत प्रोटेक्शन भी मिलेगा। उन्हें बीमा और ऋण गारंटी निगम से 5 लाख रुपये तक की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हक होगा।
91% से अधिक ग्राहकों को मिलेगा पूरा पैसा
बैंक द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के मुताबिक 3 अप्रैल 2025 तक डीआईसीजीसी ने बैंक से जुड़े जमाकर्ताओं कुल बीमित राशियों में से 275. 22 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। वहीं 91.55% जमाकर्ता अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।