भारतीय रिजर्व बैंक देशभर के सभी बैंकों और एनबीएफसी में नियमों के उचित अनुपालन को सुनिश्चित करता है। एक बार फिर आरबीआई का एक्शन सामने आया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक पर गाज गिरी है। भारी मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। सेंट्रल बैंक (RBI) ने नोटिस भी जारी किया है।
आरबीआई ने “अपने ग्राहक को जाने” और “सहकारी बैंकों द्वारा क्रेडिट सूचना कंपनियों की सदस्यता” पर जारी निर्देशों का अनुपालन न करने पर मुर्शिदाबाद जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड पर 2.10 लाख रुपये मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह कदम केन्द्रीय बैंक ने बैंकिंग अधिनियम 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ-साथ 47 ए(1)(सी) और सूचना कंपनी विनियमन 2005 की धारा 23(4) के साथ धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के तहत प्रदान की गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उठाया है।

पेनल्टी से पहले जारी हुआ था नोटिस
31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा एक वैधानिक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान निर्देशों का सही से अनुपालन न होने का पता पता चला। निष्कर्ष के आधार पर एक कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस पर आए प्रतिक्रिया और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरोपों की पुष्टि होने पर मॉनेटरी पेनल्टी लगाने का आदेश जारी किया गया।
इन नियमों का हुआ था उल्लंघन
नोटिस के मुताबिक बैंक खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा, जिसकी अवधिकता कम से कम 6 महीने में एक बार होनी चाहिए थी। अपने ग्राहकों के केवाईसी का आवधिक अपडेट भी नहीं कर पाया। अपने उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी तीन क्रेडिट सूचना कंपनियों को प्रस्तुत करने में भी विफल रहा। बता दें कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में खामियों पर आधारित है, इसका उद्देश्य किसी भी कस्टमर्स और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन या एग्रीमेंट पर असर डालना नहीं है।