एक बार फिर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) का बड़ा एक्शन सामने आया है। केंद्रीय बैंक ने एक साथ चार बैंकों पर भारी मौद्रिक जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में महाराष्ट्र और कर्नाटक के बैंक शामिल हैं। इसके अलावा 10 नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन यानि लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। 7 कंपनियों ने खुद अलग-अलग वजहों को लेकर अपना सर्टिफिकेट सरेंडर किया है। इसके अलावा एक एनबीएफसी को भी राहत मिली है, जुपिटर मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड (गुड़गांव हरियाणा) का सीओआर को रिस्टोर करने का फैसला आरबीआई ने लिया है।
मार्च 2024 में किए गए एक निरीक्षण के दौरान नियमों में अनदेखी का पता आरबीआई को चला था। जिसके बाद सभी बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। रिप्लाई मिलने और आगे की जांच के बाद जब आरोपों की पुष्टि हो गई तो इसके बाद पेनल्टी लगाने का फैसला केंद्रीय बैंक द्वारा लिया गया। इस लिस्ट में द शहादा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (महाराष्ट्र), मोतीराम अग्रवाल जलना मरचेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (महाराष्ट्र ), सहयाद्री सहकारी बैंक लिमिटेड (मुंबई महाराष्ट्र) और द गवर्नमेंट एम्पलॉयज को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (धारवाड़, कर्नाटक) शामिल है।
बैंकों पर क्यों गिरी गाज?
- द शहादा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड असली सोर्स की से पुनर्भुगतान किए बिना कुछ गैर निष्पादित खातों को नियमित किया था। जिसके लिए आरबीआई ने 2 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना बैंक पर लगाया है।
- मोतीराम अग्रवाल जालना मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने निदेशकों से संबंधित लोन स्वीकृत किए। इसके अलावा कुछ सम्बद्ध उधारकर्ताओं को लागू समूह ऋण सीमा से परे लोन और एडवांस भी दिए। इन नियमों का उल्लंघन करने पर इस बैंक पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- सहयाद्री सहकारी बैंक लिमिटेड ने एसएएएफ के तहत जारी निर्देशों का पालन न करते हुए नए लोन और एडवांस के लिए एकल उधारकर्ता ऋण सीमा को लागू नियामक सीमा से 50% तक कम नहीं किया था। इसलिए इस बैंक पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- द गवर्नमेंट एम्पलॉयज को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को निर्धारित समय के भीतर सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री पर अपलोड नहीं किया। इसके अलावा साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क के तहत साइबर सिक्योरिटी कंट्रोल से जुड़े जरूरी उपायों को लागू करने में भी विफल रहा। इसलिए बैंक पर आरबीआई ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इन कंपनियों का लाइसेंस रद्द
महाराष्ट्र के 10 नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन आरबीआई ने रद्द कर दिया गया है। इन सभी कंपनियों को 25 जून से ही व्यवसाय करने की अनुमति नहीं है। इस लिस्ट में इस लिस्ट में परिधि ट्रेनिंग कंपनी लिमिटेड, प्रोग्रेसिव सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, सनफ्लेक्स फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड, तिरुपति होल्डिंग्स लिमिटेड, वसंत संघवी सिक्योरिटी, विविध फाइनेंस एंड होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, वैराएटी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और श्रीरमणजेनेया इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
PR746FC9331977980444A85A75A27AAFA876Bइन कंपनियों ने सरेंडर किया CoR
नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बिजनेस से बाहर होने के कारण मध्य प्रदेश में स्थित समृद्धि स्वस्तिक ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड ने अपना सीईओआर सरेंडर कर दिया है। महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित स्ट्रैटेजिक कैपिटल कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के मंगलम सिक्योरिटीज लिमिटेड और चेन्नई तमिलनाडु में स्थित अनम फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने भी अपना सर्टिफिकेट का रजिस्ट्रेशन इस वजह से ही रद्द करवाया है।
पंजीकृत निवेश कंपनी के लिए निर्धारित मानदंडो को पूरा करने के कारण मल्होत्रा इंफोवन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सीओआर की जरूरत नहीं है. इसलिए इस कंपनी ने अपना सर्टिफिकेट सरेंडर कर दिया है। समामेलन/विघटन/सर्वेक्षण स्ट्राइक ऑफ जैसे वजहों को लेकर महाराष्ट्र में स्थित वेलकम इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और बेंगलुरु के त़ारिश इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने भी अपना सर्टिफिकेट सरेंडर किया है।
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